साइबर अपराध प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के उपयोग में वृद्धि, महिला सुरक्षा, तटीय सुरक्षा और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर गृह के दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' में चर्चा की जाएगी। खबरों के अनुसार, अमित शाह 'चिंतन शिविर' की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, पीएम मोदी मोदी 28 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'चिंतन शिविर' को संबोधित करेंगे।
बयान में कहा गया है कि साइबर अपराध प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, पुलिस बलों का आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में वृद्धि, भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
'2047 तक विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 'नारी शक्ति' की भूमिका महत्वपूर्ण है और महिलाओं की सुरक्षा और उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। सम्मेलन का उद्देश्य इन उल्लिखित क्षेत्रों में राष्ट्रीय नीति निर्माण और बेहतर योजना और समन्वय की सुविधा प्रदान करना भी है। 'चिंतन शिविर' में छह सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।
पहले दिन होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा और शत्रु संपत्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। अगले दिन साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी, महिला सुरक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा विषयों के तहत सीमाओं की सुरक्षा और सीमा क्षेत्रों के विकास पर चर्चा की जाएगी।
इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) और क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) और IT मॉड्यूल्स - NAFIS, ITSSO, और NDSO और Cri-MAC का उपयोग करके प्रौद्योगिकी-आधारित जांच द्वारा दोषसिद्धि दर बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।