भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के बाद, फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 14 मई, 2025 को, पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयर 1.47% बढ़कर €304.40 तक पहुंच गए, जो इसके रिकॉर्ड उच्च स्तर €332.20 के करीब है। यह वृद्धि भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद देखी गई, जिसमें डसॉल्ट के राफेल जेट्स का उपयोग किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अडमपुर एयरबेस से पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, "आतंक के विरुद्ध भारत की लक्ष्मण रेखा एकदम स्पष्ट है। अब फिर कोई आतंकवादी हमला हुआ तो भारत जवाब देगा, पक्का जवाब देगा।" इस भाषण के बाद, डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में तेजी आई, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
डसॉल्ट एविएशन ने 2024 में €6.24 बिलियन का वार्षिक राजस्व और €924 मिलियन का शुद्ध लाभ दर्ज किया। कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और भारत के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग ने निवेशकों को आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में राफेल जेट्स की मौजूदगी और उनकी युद्ध में प्रभावशीलता ने डसॉल्ट की वैश्विक साख को और मजबूत किया है।
भारत में भी रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई है। कोचीन शिपयार्ड और भारत डायनामिक्स जैसे स्टॉक्स में 11% तक की वृद्धि हुई है, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन के कारण है। इससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में निवेशकों की रुचि बढ़ी है।
डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में यह वृद्धि भारत की रक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख का संकेत है। यह दर्शाता है कि भारत की सैन्य कार्रवाइयों का अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी प्रभाव पड़ता है, और वैश्विक निवेशक भारत की रक्षा क्षमताओं में विश्वास जताते हैं। भारत और फ्रांस के बीच यह सहयोग आने वाले समय में और भी गहरा हो सकता है, जिससे रक्षा उद्योग को नया आयाम मिलेगा।