राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार, 24 जून 2025 को बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक में आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड छोड़ने की जोरदार अपील की। डोभाल ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि सीमा पार आतंकवाद सहित आतंक के हर रूप को "मानवता के खिलाफ अपराध" मानकर उसका मुकाबला करना जरूरी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित आतंकी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा और आईएसआईएस पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
डोभाल ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात में भी आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन, दो प्रमुख एशियाई देशों के रूप में, क्षेत्रीय शांति के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। डोभाल ने वांग को भारत में विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के 24वें दौर के लिए आमंत्रित किया।
यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत देती है, खासकर मई 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद। डोभाल ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान की वकालत की। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, और इसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रुख और सख्त हुआ है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 25-26 जून को किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ भारत का विजन पेश करेंगे। भारत ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के प्रायोजकों और वित्तपोषकों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है।