सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (TASMAC) पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई कार्रवाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि ईडी "सभी सीमाएं पार कर रही है" और राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्था TASMAC पर छापेमारी करना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, “आप राज्य सरकार द्वारा संचालित कॉरपोरेशन पर कैसे छापेमारी कर सकते हैं? यह संघीय ढांचे का उल्लंघन है।”
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है और एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह मामला उस वक्त चर्चा में आया जब ईडी ने TASMAC से जुड़े कथित ₹1000 करोड़ के घोटाले को लेकर छापेमारी की। एजेंसी ने तमिलनाडु के कई ठिकानों पर रेड की, जिसमें TASMAC के मैनेजिंग डायरेक्टर एस. विसाकन के घर भी शामिल था। उन्हें 20 घंटे से ज्यादा पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
तमिलनाडु सरकार और TASMAC ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें ईडी को जांच की इजाजत दी गई थी। हाईकोर्ट ने इसे "देश की जनता के खिलाफ अपराध" करार देते हुए याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी केंद्र और राज्यों के बीच जांच एजेंसियों के दायरे को लेकर चल रही खींचतान में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है। अब यह मामला कोर्ट की छुट्टियों के बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।