बाहरी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके से झारखंड की रहने वाली एक महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया है। वह राष्ट्रीय राजधानी में फर्जी पहचान बताकर रह रही थी और एक घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। पुलिस ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी।
झारखंड की एक अदालत ने 26 मार्च 2023 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। पुलिस ने बताया कि महिला नक्सली संभवत: 2020 में दिल्ली आई थी। वह झूठी पहचान के आधार पर नोएडा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घरेलू सहायिका के तौर पर काम रही थी और इसके बाद वह अंतत: पीतमपुरा में रहने लगी।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) विक्रम सिंह ने बताया, ‘‘कई महीनों की निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के बाद अपराध शाखा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक माओवादी चरमपंथी की मौजूदगी के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली।’’
अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम ने चार मार्च को महाराणा प्रताप एन्क्लेव, पीतमपुरा में छापेमारी की थी और इस दौरान ही महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि एक किसान परिवार में उसका जन्म हुआ था और वह 10 वर्ष की आयु में ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) गुट में शामिल हो गई थी।
पुलिस उपायुक्त ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘महिला नक्सली ने झारखंड के कोल्हान जंगल में रमेश नामक कमांडर के नेतृत्व में पांच साल तक गहन प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान उसे इंसास राइफल, एसएलआर, एलएमजी, हथगोला और .303 राइफल जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करना सिखाया गया।’’