बुधवार (19 जुलाई) को राज्य सभा में एक सवाल के जवाब गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से अहीर ने कहा, “साल 2014 में राजद्रोह के 47 मामलों में 58 लोग, साल 2015 में दर्ज किये गये राजद्रोह के 30 मामलों में 73 लोग और साल 2016 में 28 मामलों में 34 लोग गिरफ्तार किये गए थे।”
रिपोर्ट के मुताबिक, इन मामलों में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी बिहार में हुई हैं। राजद्रोह के मामले में बिहार से 68 लोग गिरफ्तार किए गए। वहीं झारखंड में 18, हरियाणा में 15 और पंजाब में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। केरल में 6 तथा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में एक-एक गिरफ्तारी हुई।
बिहार में अधिकतम 68 गिरफ्तारियां दर्ज की गईं, इस दौरान राजद, जेडी(यू) और कांग्रेस का महागठबंधन का शासन रहा है। इनमें से अधिकतर मामले 2014 और 2015 में के थे। इस अवधि के दौरान 53 आरोपों में केवल दो को दोषी ठहराया गया था। वहीं दिल्ली पुलिस ने 2016 में चार आतंकियों की गिरफ्तारी की।
आतंकवाद से प्रभावित राज्यो में संख्या कम
आतंकवाद से प्रभावित कुछ राज्यों में राजद्रोह के मामलों की संख्या कम हो गई है। गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर में केवल एक मामला 2015 में दर्ज किया गया था और 2014 और 2016 में कोई भी नहीं।
पं. बंगाल और उत्तर प्रदेश के आंकड़ें शामिल नहीं
उन्होंने बताया कि साल 2016 के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाले के आंकड़े शामिल नहीं हैं। अहीर के मुताबिक राजद्रोह के मामलों में गिरफ्तार किये गए लोगों के नाम और मामलों की मौजूदा स्थिति का रिकॉर्ड अभी एनसीआरबी ने दर्ज नहीं किया है। इसके अलावा साल 2017 के आंकड़े भी एनसीआरबी द्वारा अभी दर्ज किये जा रहे हैं।