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24 घंटे में 1718 नए मामले, रिकवरी रेट हुआ 25.19 फीसदीः स्वास्थ्य मंत्रालय

देश और दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1718 नए मामले...
24 घंटे में 1718 नए मामले, रिकवरी रेट हुआ 25.19 फीसदीः स्वास्थ्य मंत्रालय

देश और दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1718 नए मामले सामने आए हैं और और 67 लोगों की मौत दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में 630 लोग ठीक हो गए हैं। अभी तक कुल 8324 ठीक हुए हैं। रिकवरी रेट बढ़कर 25.19 फीसदी हो गया है। 14 दिन पहले यह 13 फीसदी था। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह पॉजिटिव साइन है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कुल संक्रमितों की संख्या 33050 हो गई है जिसमें  23651 सक्रिय मामले हैं। अब तक कुल 1,074 कोविड मरीजों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 के मौजूदा मामलों की मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है, जिनमें 65 प्रतिशत पुरुष और 35 प्रतिशत महिलाएं हैं। उम्र के लिहाज से बात करें तो 45 से कम उम्र के सिर्फ 14 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है। वहीं, 45 वर्ष से 60 वर्ष की उम्र के 34.8 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों ने दम तोड़ा है। वहीं, 60 से ऊपर 51.2 प्रतिशत कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इनमें 60-75 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत जबकि 75 से ऊपर 9.2 प्रतिशत कोरोना मरीजों की मौत हुई है। जिनकी मौत हुई उनमें से 78 फीसदी में पहले से ही कोई रोग था।

डबलिंग रेट भी बढ़ा

संयुक्त सचिव ने कहा कि डबलिंग रेट लॉकडाउन से पहले 3.4 दिन था जो बढ़कर 11 दिन का हो गया है, कई राज्य अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, तामिलनाडु और पंजाब में 11 से 20 दिन का डबलिंग रेट है। कर्नाटक, लद्दाख, हरियाणा, उत्तराखंड और केरल में कोविड-19 मरीजों का डबलिंग रेट 20 से 40 दिन के बीच पाया गया। वहीं, असम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में डबलिंग रेट 40 दिन से भी ऊपर पाया गया है।

रैपिड टेस्ट की सीमित भूमिका

लव अग्रवाल ने कहा कि रैपिड टेस्ट की सीमित भूमिका है, आईसीएमआर इसे कोऑर्डिनेट कर रही है। जन-जागरूकता की जरूरत है, समझना जरूरी है कि एंटी बॉडी बनने में समय लगता है।  जहां तक टेस्टिंग और उपचार प्रोटोकॉल की बात है, हमें सिर्फ आरटीपी-सीआर टेस्ट ही करने होंगे।

फंसे मजदूरों और छात्रों को ले जाने में होगा बसों का इस्तेमाल

गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग होगी, बस में सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। बस की सैनिटाइजेशन होगी। पहुंचने पर हेल्थ चेकअप होगा। कोई लक्षण न मिलने पर 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन किया जाएगा। समय-समय पर स्वास्थ्य का परीक्षण होगा। अभी तक के निर्देशों के मुताबिक, दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल होगा।  

उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम ने हैदराबाद का दौरा किया और पाया कि यहां सभी प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है। यहां 300 टेस्ट प्रतिदिन करने की सुविधा है, मरीजों को एंबुलेंस से घर भेजा जाता है। टीम ने अधिकांश स्थानों पर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी सही पाया। हालांकि कुछ निर्माणाधीन स्थलों पर मजदूरों को बिना मास्क के पाया गया। 

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