उत्तर प्रदेश की रहने वाले 18 साल की नाजिया ने जुएं और सट्टे के अवैध खिलाफ के खिलाफ जमकर संघर्ष किया। वह उऩ 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल अदम्य साहस और वीरता के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इनमें 11 लड़के और सात लड़कियां शामिल हैं।
पुरुस्कारों को पांच श्रेणियों भारत अवार्ड, गीता चौपड़ा अवार्ड, संजय चौपड़ा अवार्ड, बापू गांधी अवार्ड, और सामान्य राष्ट्रीय अवार्ड में बांटा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी को वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे। इनमें तीन बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। यह बहादुर बच्चे आगामी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्कार पाने वाले बच्चों के स्वागत में भोज देंगे।
पुरस्कारों की श्रेणी में इस बार भारत पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश की 18 वर्षीय नाजिया को चुना गया है। नाजिया ने आगरा जिले के मंटोला क्षेत्र में जुए और सट्टे के अवैध कारोबार के खिलाफ जमकर संघर्ष किया। नाजिया को धमकियां मिली और अगवा करने की कोशिश की गई लेकिन उसने हार नहीं मानी। प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार के मरणोपरांत कर्नाटक की 14 वर्षीय नेत्रावती एम चवान को पुरस्कार दिया जायेगा। नेत्रावती ने पिछले साल 13 मई को एक तालाब में दो बच्चों को डूबते देखा। वह अपनी जान की परवाह न करते हुए तालाब में कूद गई और अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक-एक कर दोनों बच्चों को तालाब से बाहर खींच निकाला , लेकिन वह स्वयं को नहीं बचा सकी।
संजय चोपड़ा पुरस्कार के लिए चयनित पंजाब के करणबीर सिंह ने अपने अथक प्रयास और साहस से कई लोगों की जान बचाने का काम किया। पिछले वर्ष 20 सितम्बर को स्कूली बच्चों को लेकर आ रही एक बस अटारी गांव के पास एक पुल को पार करते समय नाले में गिर गयी। इसी दौरान करणबीर बस का दरवाजा तोड़कर बाहर आया और गर्दन तक पानी में डूबे रहने के बावजूद एक-एक 15 बच्चों को बस से बाहर निकाला, हालांकि इस उपक्रम में करणबीर स्वयं घायल हो गया। दुर्भाग्यवश सात बच्चों को नहीं बचाया जा सका।
मेघालय के 14 वर्षीय बेट्सवजान पेइंगलांग, ओडिशा की साढ़े सात वर्षीय ममता दलई और केरल के साढ़े तेरह वर्षीय सेबस्टियन विनसेंट को बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा। वीरता पुरस्कार पाने वाले अन्य बच्चों में लक्ष्मी यादव(छत्तीसगढ़) , कुमारी मनशा, शांगपोन कोनयक एवं चिंगाई वांगसा ( सभी नागालैंड) , समृद्धि सुशील शर्मा(गुजरात) , एफ. लालछंदमा-मरणोपरांत और जोनुन्तुलंगा (दोनों मिजोरम) , पंकज सेमवाल(उत्तराखंड) , नादफ एजाज अब्दुल रउफ(महाराष्ट्र) कुमारी लोउक्राकपम चानू-मरणोपरांत(मणिपुर) तथा पंकज कुमार महंता(ओडिशा) शामिल हैं। वीरता पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों को पदक, प्रमाणपत्र और नकदराशि प्रदान की जाएगी।