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नाबालिग से बलात्कार के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी, सजा का ऐलान बुधवार को

दिल्ली की एक जिला अदालत ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में दोषी माना है। सेंगर ने 2017...
नाबालिग से बलात्कार के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी, सजा का ऐलान बुधवार को

दिल्ली की एक जिला अदालत ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में दोषी माना है। सेंगर ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसलिए कोर्ट ने आईपीसी के साथ-साथ पोक्सो कानून के तहत भी सेंगर को दोषी माना है। 53 वर्षीय सेंगर को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी। इस अपराध में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। हालांकि कोर्ट ने सह-आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया है। जज ने जब फैसला सुनाना शुरू किया, तभी वह बेहोश हो गया था।

पीड़िता का बयान सच और मुकम्मल

जिला जज धर्मेश शर्मा ने कहा, “मुझे पीड़िता का यह बयान सच और मुकम्मल लगा कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया, उसे धमकी दी जा रही थी और वह परेशान थी। वह महानगरों में पली लड़की नहीं, बल्कि गांव की एक लड़की थी। सेंगर एक रसूखदार व्यक्ति था, इसलिए पीड़िता ने समय लिया।” कोर्ट ने कहा कि जब पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत भेजी, तो उसके परिवार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज कर लिए गए। इसमें सेंगर के रसूख का असर साफ दिखता है।

सीबीआई ने जांच में देरी की, मैनुअल का पालन नहीं किया

सीबीआई द्वारा चार्जशीट दायर करने में देरी पर कोर्ट ने आश्चर्य जताया और कहा कि इस वजह से ट्रायल में इतना समय लग गया। सीबीआई जांच और सजा से जुड़े मैनुअल का पालन नहीं कर रही थी। सेंगर उत्तर प्रदेश के बंगारमऊ विधानसभा क्षेत्र से चार बार का विधायक है। आरोप लगने के कुछ दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी ने अगस्त 2019 में उसे पार्टी से निकाल दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की सुनवाई लखनऊ से दिल्ली की अदालत में स्थानांतिरत की गई थी। पांच अगस्त से इसकी सुनवाई रोजाना हो रही थी। पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में भी विशेष अदालत लगाई गई थी। विशेष अदालत ने इसी साल 9 अगस्त को सेंगर व अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोग तय किया था।

अगस्त को आरोप तय हुआ था

पीड़िता के वकील ने बताया कि अदालत ने 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए थे। पीड़िता का परिवार एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है, जबकि अदालत ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) को उनके लिए राष्ट्रीय राजधानी में किराए के आवास की व्यवस्था करने को कहा था।

इन धाराओं में मुकदमा

विशेष अदालत ने सेंगर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (जबरन शादी करने के लिए अपहरण), 376 (दुष्कर्म) और बच्चों को यौन उत्पीड़न से संरक्षण के लिए बने पॉक्सो की धारा के तहत मुकदमा चलाने के लिए आरोप तय किया था।

पिता की हत्या का भी आरोप

दुष्कर्म के मामले में आरोपी विधायक पर पीड़िता के पिता की हत्या करवाने का भी आरोप है। आरोप है कि आरोपी सेंगर के इशारे पर पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में फंसाया गया और उन्हें 3 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया। हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई।

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