टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) में करीब 40 लाख लोगों के नाम न होने को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। ममता ने सवाल उठाया कि जिन लोगों ने पहले बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट किया था आज उन्हें ही शरणार्थी कैसे बना दिया गया। ममता ने कहा कि वह बंगाल में ऐसा नहीं होने देंगी।
‘भारत को बदलाव की जरूरत’
दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में ‘लव फॉर नेबर’ कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि भारत को बदलाव की जरूरत है और यह बदलाव 2019 में दुनिया के सुधार के लिए आना चाहिए।
‘मार्च 1971 तक बांग्लादेश से जो भी भारत आया, वह भारतीय नागरिक है’
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) पर ममता ने कहा, ‘केवल चुनाव जीतने के लिए लोगों को पीड़ित नहीं किया जा सकता है। क्या आपको नहीं लगता कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में नहीं हैं, वो अपनी पहचान खो देंगे? कृपया, इस बात को समझें कि भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश विभाजन से पहले एक थे, जो भी मार्च 1971 तक बांग्लादेश से भारत आया था वह भारतीय नागरिक है’।
पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार का नाम NRC में न होना हैरान करने वाला
इस दौरान ममता बनर्जी ने एनआरसी मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। ममता ने कहा कि एनआरसी मामले में जमकर पक्षपात हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार का नाम असम की नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन में नहीं होना हैरान करने वाला है। उनके मुताबिक, ऐसे ढेरों भारतीय नागरिक हैं जिनका नाम एनआरसी में नहीं है।
‘सालों से वोट देने वालों को अचानक भारत की नागरिकता से किया बाहर’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि 'असम में यह क्या चल रहा है? एनआरसी समस्या। ये सिर्फ बंगाली नहीं हैं, ये अल्पसंख्यक हैं, ये बंगाली हैं और ये बिहारी हैं। 40 लाख से ज्यादा लोगों ने कल रूलिंग पार्टी के लिए वोट किया था और आज अचानक अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बना दिया गया है।' ममता ने कहा, 'मैं अपनी मातृभूमि को ऐसी हालत में नहीं देखना चाहती, मैं मातृभूमि को बंटते हुए नहीं देखना चाहती।'
तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं ममता बनर्जी
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने तीन दिनों के दिल्ली दौरे पर आई हुई हैं। कोलकाता में अगले साल 19 जनवरी को होने वाली ‘फेडरल फ्रंट' की रैली को देखते हुए ममता का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
क्या है ‘फेडरल फ्रंट’
‘फेडरल फ्रंट’ गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस पार्टियों का वो समूह है जो जिसे ममता बनर्जी अपनी अगुवाई में खड़ा करने की कोशिश कर रही हैं। इस सिलसिले में वो लगातार क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं।
जानें असम में जारी किए गए एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट को
गौरतलब है कि नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट सोमवार को असम में जारी कर दिया गया। इस लिस्ट में 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया, वहीं करीब 40 लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं। बता दें कि एनआरसी का पहला ड्राफ्ट 31 दिसंबर 2017 को जारी किया गया था जिसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 1.9 करोड़ लोगों का नाम शामिल किया गया था।