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देश की 40 करोड़ आबादी को अभी भी कोरोना से खतरा, केवल दो तिहाई में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी: आईसीएमआर

देश में कोरोना महामारी को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम...
देश की 40 करोड़ आबादी को अभी भी कोरोना से खतरा, केवल दो तिहाई में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी: आईसीएमआर

देश में कोरोना महामारी को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि सीरो सर्वे से पता चला है कि देश की 40 करोड़ आबादी को अब भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा है, जबकि दो-तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है यानि एक तिहाई आबादी अभी भी कोरोना के खतरे में हैं।

मंगलवार को आईसीएमआर चौथे सीरो सर्वे  के आंकड़े जारी कर दिए। डॉ. भार्गव ने कहा कि ये सर्वे जून-जुलाई के बीच किया गया था। 28,975 लोगों पर किए गए। इस सर्वे में 6 से 17 साल के बच्चों को भी शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल 67.6% लोगों में कोविड एंटीबॉडी मिली है यानी ये कोरोना संक्रमित हो चुके थे। उन्होंने कहा कि जिन 28,975 लोगों पर सर्व किया गया उनमें 62 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी। जबकि 24 प्रतिशत ने वैक्सीन की एक डोज और 14 प्रतिशत ने दोनों डोज ले रखी थीं।

डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि पुरुष और महिला और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सिरोप्रवैलेंस में कोई अंतर नहीं था। जिन लोगों ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली थी उनमें सिरोप्रवैलेंस 62.3% था और टीके की एक खुराक के साथ, यह 81% था। दोनों खुराक लेने वालों में यह 89.8% थी। उन्होंने कहा कि हमने 7252 स्वास्थ्य कर्मियों का अध्ययन किया और इनमें से 10% ने टीका नहीं लिया था, उनमें समग्र सिरोप्रवैलेंस 85.2% था. निष्कर्ष के तौर पर, सामान्य आबादी के 2/3 यानी 6 साल से अधिक उम्र के लोगों को सॉर्स कोव-2 संक्रमण था।

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