छत्रसाल स्टेडियम में 23 साल के रेसलर सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार ओलंपिक पदक विजेता रेसलर सुशील कुमार को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 6 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने 12 दिनों की रिमांड की मांग की थी। सुशील को कई दिनों तक गायब रहने के बाद जब पकड़ा गया तो उसके चेहरे को तौलिये से ढका गया था।
सुशील कुमार की रिमांड के लिए सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के पास ऐसे वीडियो क्लिप्स हैं, जिसमें सुशील कुमार अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़ित के साथ मारपीट कर रहा है। इसी दौरान वहां पर गोलियां भी चली थीं, जिस शख्स की इस मारपीट के दौरान मौत हुई, वह खुद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था।
पुलिस ने कहा कि सुशील कुमार से पूछताछ के दौरान हत्या की जो साजिश रची गई उसके बारे में पता लगाना है.। इसी पूछताछ के दौरान इस मामले में जो अन्य आरोपी है, इसका क्या रोल था वह भी पता करना है। पुलिस ने कहा कि घटना 4 और 5 मई की दरम्यानी रात की है और उसके बाद से ही सुशील कुमार लगातार फरार था। इस दौरान सुशील कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ और उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हुई लेकिन फिर भी सुशील पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुआ।
वहीं, सुशील कुमार की ओर से एडवोकेट बी एस जाखड़ ने12 दिन की रिमांड से जुड़ी मांग का विरोध किया। दलील दी कि जो चीजें बरामद किए जाने की बात कही जा रही है, उन्हें हासिल करने में महज एक दिन लगता है। क्या इससे पहले कभी सुशील कुमार के खिलाफ कोई केस दर्ज हुआ।
अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि कुल पांच पीड़ित हैं, जिनमें से तीन को मॉडल टाउन और दो को शालीमार बाग से उठाया गया था। इन पांचों को उठाकर छत्रसाल स्टेडियम लाया गया और वहां जगली जानवरों की तरह पीटा गया। इसमें एक की मौत हो गई है जो खुद भी एक पदक विजेता पहलवान था। पूरी साजिश का खुलासा करने के लिए रिमांड जरूरी है कि क्योंकि आरोपी का असोदा गैंग से संबंध बताया जा रहा है और उनका कहना है कि सोनू नाम का घायल भी किसी गैंग से ताल्लुक रखता है तो इस पूरी साजिश का पता लगाना होगा।