नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भीषण भीड़ में फंसकर जान गंवाने वाली 50 वर्षीय पूनम देवी अपनी बेटी से मिलने यहां आई थीं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी।
मृतका की रिश्तेदार आशा सिंह ने बताया कि वह (पूनम) और उनके पति मेघनाथ कुशवाहा बिहार से अपनी बेटी और दामाद से मिलने दिल्ली आने से पहले महाकुंभ मेले में गए थे।
सिंह ने कहा, “वह शनिवार को अपने गांव गंगाजल लौट रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह इस घटना का शिकार हो गई।” उन्होंने बताया कि दम्पती बहुत कम यात्रा पर जाते थे तथा कई वर्षों के बाद उन्होंने महाकुंभ में जाने का निर्णय लिया था।
भगदड़ की एक अन्य पीड़िता के शोकाकुल पिता प्रभु शाह ने अपनी 24 वर्षीय बेटी की हृदय विदारक मौत के बारे में बताया, जिसे छह महीने पहले ही दिल्ली में पहली नौकरी मिली थी।
शाह ने दुखभरी आवाज में कहा, ‘मेरी बेटी छह महीने पहले बिजवासन में अपनी पहली नौकरी मिलने के बाद दिल्ली आ गई थी। शनिवार को वह अपनी मौसी और अपने चचेरे भाई के साथ कुंभ मेले में जा रही थी।’ उन्होंने कहा कि वह उनकी पांच बेटियों में सबसे छोटी थीं और उनके भविष्य को लेकर बड़े सपने थे।
मनोज नामक एक दिहाड़ी मजदूर अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। भगदड़ में उसकी भी मौत हो गई और अब पत्नी और दो बच्चे को बेसहारा रह गए।
मनोज के रिश्तेदार जय प्रकाश कुशवाह ने उस दुखद क्षण को याद किया जब उन्हें अस्पताल से फोन आया। उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया कि मनोज भगदड़ में घायल हो गया है। जब मैं अस्पताल पहुंचा तो पाया कि वह बेजान पड़ा था। उसकी मौत हो चुकी थी।’ उन्होंने बताया कि मनोज अकेले प्रयागराज जा रहे थे और बाद में उनकी अपने परिवार से मिलने के लिए बिहार जाने की योजना थी।
शनिवार रात को खचाखच भरे रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब कुछ यात्री फुटओवर ब्रिज से नीचे उतरते समय फिसलकर दूसरों पर गिर गए। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा।