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पीडब्ल्यूडी घोटालाः वो पांच कंपनियां, जिन पर एसीबी ने कसा शिकंजा

एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने दस करोड़ रुपये के कथित पीडब्ल्यूडी घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री...
पीडब्ल्यूडी घोटालाः वो पांच कंपनियां, जिन पर एसीबी ने कसा शिकंजा

एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने दस करोड़ रुपये के कथित पीडब्ल्यूडी घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र बंसल के बेटे विनय बंसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने अब उन पांच कंपनियों की जांच शुरू कर दी है जिन्होंने बिना काम पूरा किए ही सरकार से पैसा ले लिया और विभाग को बिल तक नहीं दिए।

कौन सी हैं ये पांच कंपनियां-

मैसर्स एमसी कंस्ट्रक्शन कंपनीः इसे सड़क, फुटपाथ, नालों व सेंट्रलवर्ज के सुदृढ़ीकरण का काम मिला था। बिना काम पूरा किए कंपनी को सात करोड़ 65 लाख से ज्यादा का भुगतान कर दिया गया। कंपनी ने सामान कहां से खरीदा जिसके बिल विभाग के पास नहीं हैं।

केसी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेडः रोहिणी में फुटपाथ आदि के सुदृढ़ीकरण का काम मिला था। इस पर करीब छह करोड़ सात लाख रुपये खर्च हुए और बिना बिल दिए कंपनी ने भुगतान भी ले लिया।

न्यू भारत कंस्ट्रक्शन कंपनीः प्रताप नगर में लक्ष्मी बाई कॉलेज के पास नाले और फुटपाथ के सुदृढ़ीकरण के काम पर तीन करोड़ 88 लाख रुपये खर्च हुए। कंपनी ने पीडब्ल्यूडी द्वारा तय एजेंसी से माल नहीं खरीदा तथा सामान खरीदने के बिल विनायक सेल्स और कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी के बिल लगा दिए जिन्हें सेल टैक्स विभाग ने जांच में फर्जी पाया।

मैसर्स मियां कंस्ट्रक्शन कंपनीः इसे ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक सड़क के सुदृढ़ीकरण का काम दिया गया था। कंपनी पूरा बताकर 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान ले लिया गया लेकिन इस कंपनी पर भी बिल नहीं थे कि सामान कहां से खरीदा।

मैसर्स तरुण गुप्ता एंड कंपनीः इसे ओल्ड एमबी रोड, इग्नू रोड, फिरनी रोड पर नालों के सुधार का काम मिला था। जिसे कंपनी ने पूरा बताकर तीन करोड़ रुपये से ज्यादा का बिल पास करा लिया। यह काम 2012-13 में शुरू किया गया था और इसे 2015 में पूरा किया जाना बताया गया। बिल पास होने के बाद मौके पर काम पूरा नहीं मिला और सामान खरीदने के बिल विभाग के पास थे।

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