सीआईएसएफ ने साथ ही बताया कि बचाव कार्यों में मदद के लिए शीतलपुर स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिसकर्मी घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं और बचाव कार्य जारी है।
राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों से राहत कार्य में तेजी लाने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने हादसे में जान गंवाले वालों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों को 25,000 रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। ऊर्जा एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि उन्होंने हालात का जायजा लेने के साथ ही हादसे की जांच के आदेश दिए है।
बता दें कि ईसीएल की राजमहल परियोजना में महालक्ष्मी आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी रात में माइनिंग का काम कर रहे थे। खदान में 200 फीट तक डीप माइनिंग चल रही थी, तभी पूरा मलबा ढह गया। इस वजह से खदान के अंदर जाने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और करीब 40 से ज्यादा मजदूर अंदर ही फंस गए।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक, घटना के समय खदान ऊपरी सदह पर ही काम हो रहा था, तभी अचानक हाई वॉल धस गया. उन्होंने साथ ही बताया कि मिट्टी में दबे ज्यादातर लोग ठेका मजदूर हैं. चश्मदीदों ने बताया कि ओपनकास्ट की इस परियोजना में मिट्टी धंसने से 35 से ज्यादा डंपर और 4 पे-लोडर दब गए।