कोविड के बाद से लगातार चुनौतियों से जूझ रहा पर्यटन उद्योग अब पटरी पर आने लगा है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार इसके लिए लगातार कोशिश में है। देश में पर्यटन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। पर्यटन मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अरुण श्रीवास्तव ने कहा कोविड के बाद पर्यटन में लगातार सुधार हो रहा है। जल्द ही देश पहले जैसी स्थिति में होंगे।
अरुण श्रीवास्तव शनिवार को दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय ट्रेड शो बीएलटीएम में बोल रहे थे। इस ट्रेड शो में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के अलावा गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा जैसे राज्यों के अलावा रूस, सिंघापुर जैसे देश भी शामिल हुए हैं। महामारी के बाद बिजनेस, लेज़र और एमआईसीई सेगमेन्ट में फिर से सुधार के चलते इस दो दिवसीय शो का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 4 देशों, 13 से अधिक भारतीय राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से 100 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। शो के दौरान कुछ अनूठे पर्यटन स्थलों जैसे सेंट पीटर्सबर्ग, सिंगापुर, मॉस्को और भारतीय पर्यटन, कुछ भारतीय राज्यों, होटलों, रिज़ॉर्ट्स, टूर ऑपरेटरों, डीएमसी आदि को दर्शाया गया है।
इस मौके पर मौजूद बीएलटीएम के आयोजक संजीव अग्रवाल ने कहा कि हम बहुत तेजी से 2019 वाली स्थिति में लौट रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिखाते हुए कहा कि 2023 के अंत तक हम पहले जैसी स्थिति में पहुंच जाएंगे। इससे पहले फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इंडियन टूरिज्म एंड हॉपिटीलिटी के पूर्व महासचिव सुभाष गोयल ने रूस के साथ पयर्टन बढ़ाने के लिए तीन सुझाव दिए। 2019 में भारत से आउटबाउंड पर्यटन लगभग 25 मिलियन था और भारत के भीतर घरेलू पर्यटन, हवाई यात्रा करने वाले लोग लगभग 300 मिलियन थे। भारत में अपार संभावनाएं हैं और भारतीय सबसे बड़े खर्च करने वालों में से एक हैं। आज यूके, यूएसए और अन्य देशों के लिए 6 महीने या एक साल की प्रतीक्षा सूची है जो रूस और भारत के लिए भारत-सोवियत संबंधों को मजबूत करने का अवसर है। उन्होंने सुझाव दिए कि यदि रूस 3 चीजें करता है, तो अगले 2 वर्षों में भारत से दस लाख से अधिक पर्यटक रूस की यात्रा करेंगे, जिसमें ई-वीजा सुविधा प्रदान करें, रुबेल डायरेक्ट एक्सचेंज व हवाई संपर्क बढाया जाए।
रूस के रूस की डिप्टी चेयरमैन, कमेटी फॉर टूरिज़्म डेवलपमेन्ट ऑफ सेंट पीटर्सबर्ग जूलिया कुजे़नकाया ने उनके इस सुझाव पर अपनी सहमतिजताते हुए कहा कि इसके लिए वह अपने उच्च अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करेंगी। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष ज्योति मायाल ने कहा, हम 3 साल पहले आए संकट से उबरे, पुनर्गठित, पुनर्जीवित हुए और आगे बढ़े हैं। पर्यटन का हर पहलू महत्वपूर्ण है और भारत ने सबसे बड़ा उछाल देखा है। यह अनुमान लगाया गया है कि पर्यटन में साल दर साल 5.8 फीसदी की वृद्धि होगी, हालांकि देश 2.7 फीसदी की दर से बढ़ेगा। हम अगले दशक में 126 मिलियन और रोजगार भी देखेंगे। भारत में एमआईसीई क्षेत्र 8 फीसदी की वृद्धि के साथ 25,000 करोड़ रुपये आंका गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में बिज़नेस ट्रैवल का बाज़ार 2027 तक 55.2 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान है, और कारोबार संचालन के वैश्वीकरण के चलते 2022-27 के दौरान इसमें 8.1 फीसदी की दर से बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, लेज़र ट्रैवल यानि छुट्टी के लिए यात्रा के बढ़ते रूझानों तथा कारोबारों के बीच साझेदारियों, बैठकों में बढ़ोतरी, तेज़ी से बढ़ते डिजिटलीकरण, सम्मेलनों और आयोजनों के चलते एयरलाईन, हॉस्पिटेलिटी और पर्यटन उद्योग तेज़ी से पटरी पर लौट रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम भारत के बाज़ार पर दिख रहे हैं। बता दें कि बीएलटीएम ने भारत के 6.5 मिलियन के आउटबाउंड कारोबार और एमआईसीई पर्यटकों तथा दुनिया में सबसे तेज़ी से विकसित होते बिज़नेस ट्रैवल मार्केट के लिए नए मार्ग खोले हैं।