भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए। इस तनाव के बाद से देश में गुस्से का माहौल है। चीन के साथ तनाव की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की। पीएम ने कहा कि हमारी सभी पोस्ट सुरक्षित हैं। न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता।
पीएम ने कहा कि लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर, चीन द्वारा एलएसी पर जो किया गया है, उससे पूरा देश आहत है, आक्रोशित है। ये भावना हमारी इस चर्चा के दौरान भी आप सबके माध्यम से बार-बार दिखाई दी है। इस कारण जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं। अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है।
जो भी करना होगा, देश की रक्षा के लिए सशस्त्र बल करेंगे
पीएम ने कहा कि जल, थल और नभ में देश की रक्षा के लिए हमारे सशस्त्र बलों को जो कुछ भी करना होगा, वे करेंगे। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को प्राथमिकता दी है। नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है।
पूरी तरह मुस्तैद है सेनाः राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी नेताओं को गैलवान में हिंसक झड़प के बाद के मौजूदा हालात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना सीमा पर सेना पूरी तरह मुस्तैद हैं और किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि इस बैठक में विभिन्न् राजनीतिक दलों के 20 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सोनिया गांधी बोलीं- हमें अंधेरे में रखा गया
सोनिया गांधी ने कहा कि हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा। उन्होंने कहा कि असल में इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम से आग्रह किया कि वह हमसे सभी जानकारी साझा करें और इस साल अप्रैल से लेकर आज तक के सारे हालात की जानकारी दें। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि चीन की सेना ने किस तारीख को लद्दाख में अतिक्रमण किया। क्या यह 5 मई को हुआ था या पहले।
भारत मजबूत है, मजबूर नहीः उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात का है। भारत मजबूत है मजबूर नहीं। हमारी सरकार में इतनी क्षमता है कि 'आंखें निकालकर हाथ में दे दे।' हम सब एक हैं। यही हमारी भावना है। प्रधानमंत्री जी हम आपके साथ हैं। हम अपनी सेना और उनके परिवारों के साथ हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि देश एक है। पाकिस्तान और चीन की 'नीयत' अच्छी नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं है इसलिए चीनी सामानों पर 300 प्रतिशत शुल्क लगाया जाय।
संवेदनशील मामलों पर सम्मान करने की जरूरतः शरद पवार
एनसीपी चीफ और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है।
बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा बोले- 'हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।'
पीएम पर पूरा भरोसा हैः तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बैठक के दौरान कहा, 'हमें प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है। इससे पहले भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई है, तो पीएम ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।'
टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता से चीन नाराज है। कश्मीर के विकास पर पीएम के जोर ने भी चीन को नाराज किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम के 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है।
ममता बनर्जी ने की पारदर्शिता की मांग
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि देश की अखंडता के लिए हम सरकार के साथ हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी ने चीन के मामले पर केंद्र सरकार से पारदर्शिता की मांग की।
इन पार्टियों को नहीं बुलाया
हालांकि इस बैठक में कई क्षेत्रीय दल ऐसे भी हैं जिनको आमंत्रित नहीं किया गया है। बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को भी न्योता नहीं दिया गया है। आरजेडी और आम आदमी पार्टी ने ट्वीट के जरिये अपनी नाराजगी जाहिर की है। आरजेडी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया है।
बैठक में नहीं बुलाए जाने पर बोले केजरीवाल- ये उनकी मर्जी
बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) को नहीं बुलाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'ये उनकी मर्जी है। उस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। उनको जो ठीक लगता है, वो करें, लेकिन हम देश के साथ है, सेना के साथ है। चीन को सबक सिखाया जाए, चीन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।'
दोनों पक्षों में हुआ टकराव
पिछले महीने मई में पैगोंग त्सो (झील) से निकट भारत-चीन सैनिकों के बीच टकराव होने के बाद दोनों ओर की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। भारत द्वारा पैगोंग त्सो के निकट फिंगर एरिया में रणनीतिक रूप से अहमियत रखने वाली एक सड़क बनाए जाने और गलवान घाटी में धारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाली एक अन्य सड़क के निर्माण का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। इसी वजह से हाल में तनाव की स्थिति पैदा हुई। भारत के लिए फिंगर एरिया गश्त करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने सीमा क्षेत्र में चीन के विरोध के चलते किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को न रोकने का फैसला किया है। इसी बीच, सोमवार को जब भारतीय सैनिक गलवान घाटी में रूटीन गश्त के लिए गए तो चीन सैनिकों से सामना हो गया जो टकराव में तब्दील हो गया।