लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की केजरीवाल सरकार की उस मुफ्त बिजली स्कीम की पोल खुल गई है जिसके चलते उन्हें चुनाव में फायदा मिला। केजरीवाल ने दो सौ यूनिट तक बिजली माफ करने की स्कीम शुरू की थी लेकिन लॉकडाउन में अब उन लोगों को भी इस स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है जिनके बिल जीरो आ रहे थे। शाहदरा के अरुण कुमार उन लोगों में हैं जिनका बिल अभी तक जीरो आ रहा था लेकिन इस बार उनका प्रोविजनल बिल आया है। यह शिकायत अकेले अरुण की नहीं है। ऐसी शिकायतें अन्य लोगों की भी हैंं, जिनके बढ़े बिल भेज दिए गए हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की स्कीम शुरू की थी। स्कीम के तहत लाखों लोगों के बिल जीरो आ रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में रीडिंग नहीं लेने के कारण लोगों को प्रोविजनल बिल भेजे जा रहे हैं। अरुण कुमार का कहना है कि आज तक उनका बिल जीरो आता था क्योंकि यूनिट दो सौ से नीचे ही रहती थी लेकिन इस बार उनके पास प्रोविजनल बिल आया है। अगर यह बिल पिछली रीडिंग को आधार बनाकर दिया गया है तो भी यह गलत है। अभी इस बारे में बिजली विभाग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। आखिर जाएं तो कहां जाएं।
कोई सुनने वाला नहीं, आखिर कहां जाएं
बाबरपुर के अरविंद कुमार ने कहा कि उनके पास इस बार बढ़ा हुआ प्रोविजनल बिल आया है। बताया गया है कि यह पिछली रीडिंग के आधार पर भेजा गया है जबकि उनकी रीडिंग इस बार कम आई है। इसके बारे में पूछने पर बताया गया कि इसे अगले बिलों में एडजस्ट किया जाएगा तो रामनगर निवासी अशोक कुमार का कहना है कि सरकार को अभी बिल नहीं भेजने चाहिए क्योंकि प्रोविजनल बिल कब तक ठीक होंगे, इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है।
वहीं, मामले में दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन से बातचीत करने की कोशिश की गई और उन्हें सवाल भी भेजा गया लेकिन उन्होंने देर रात तक इस पर अपना जवाब नहीं दिया।
सामान्य हालात पर समस्या का हल
बीएसईएस बिजली कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लोग अगर सेल्फ मीटर रीडिंग कर बिजली बिल भुगतान करना चाहते हैं, तो यह काम बीएसईएस ने आसान कर दिया है। सेल्फ मीटर रीडिंग करने पर कुल बिल पर जो बिजली कंपनी छूट दे रही है, उसके अलावा 20 रुपये और छूट लोगों को मिलेगी। अगर कोई बिजली बिल ऑनलाइन जमा कराता है, तो उसे प्रोसेसिंग फीस भी नहीं देनी होगी। प्रोविजनल बिल के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संकट के समय देश की स्थिति सभी जानते हैं। अभी लोगों को यही सुविधा दी गई है वे या तो खुद रीडिंग ऐप के जरिए भेजे जिसके आधार पर बिल बन जाएगा अन्यथा अभी प्रोविजनल बिल के आधार पर भुगतान कर दें। जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य होंगी तो इन बिलों को ठीक कर दिया जाएगा।
भाजपा ने उठाया सवाल
दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि कहने को तो दो सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त का दावा दिल्ली सरकार करती है लेकिन बमुश्किल इसका लाभ 15-20 फीसदी लोगों को ही मिल पाता है। जैसे ही यूनिट दो सौ से ऊपर जाती है तो बिल बना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय में सरकार को बिजली का पैसा माफ कर देना चाहिए था लेकिन लोगों को अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं। कई लोगों से शिकायतें मिली हैं कि जिनके बिल मुफ्त स्कीम के कारण जीरो आ रहे थे, अब उन्हें भी प्रोविजनल बिल भेज दिए गए हैं।