लोकपाल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी तमाम मांगों को लेकर अनशन पर बैठेंगे। इस महाआंदोलन की शुरुआत से पहले अन्ना सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर बापू को नमन किया।
प्रदर्शन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक दिल्ली कूच न कर सके इसलिए प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन पर बैठने से पहले मैंने कई खत लिखकर कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। अन्ना ने कहा कि सरकार का ऐसा रवैया उन्हें समझ नहीं आ रहा है।
अन्ना ने कहा कि प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा। हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है।
अनशन पर बैठने से पहले बापू को किया नमन
अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। अन्ना ने हाथों में फूल लेकर बापू को नमन किया। इस दौरान उनके साथ कई समर्थक मौजूद थे।
Anna Hazare pays tribute at Raj Ghat in #Delhi; will begin an indefinite fast demanding a competent Lokpal and better production cost for farm produce, later today pic.twitter.com/DXaSsx96gJ
— ANI (@ANI) March 23, 2018
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस बार संभावित तौर पर वह नरेंद्र मोदी की अगुअाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधेंगे।
विरोध प्रदर्शन की अनुमति मिली
दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को यहां के रामलीला मैदान में 23 मार्च से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच करने और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी है’।
इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बीते 16 मार्च को कहा था कि उन्होंने 23 मार्च से दिल्ली की जेल में सत्याग्रह करने का एेलान किया है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अब तक इसकी अनुमति नहीं दी। हजारे ने कहा था कि उन्होंने चार महीने पहले ही इस बाबत अनुमति मांगी थी। हजारे ने एक प्रेस वार्ता में कहा था, ‘मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं, लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है’।