केंद्र सरकार ने सशस्त्र सीमा बल (बीएसएफ) मे भर्तियों में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा की है। यही नहीं अग्निवीरो को ऊपरी आयु-सीमा मानदंडों में भी छूट देने का फैसला किया है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि वे पहले बैच का हिस्सा हैं या बाद के बैचों का। गृह मंत्रालय ने इस बारे में छह मार्च को अधिसूचना जारी कर दी थी।
अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व-अग्निवीरों के पहले बैच के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु-सीमा में पांच वर्ष तक की छूट दी जाएगी, जबकि बाद के बैचों के उम्मीदवारों के लिए, ऊपरी आयु-सीमा में तीन वर्ष की छूट दी गई है। इतना ही नहीं, अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्व अग्निवीरों को "शारीरिक दक्षता परीक्षा" से भी छूट दी जाएगी।
बड़े पैमाने पर चार साल के अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर आलोचना के बाद यह कदम सेना, नौसेना और वायु सेना में साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच की उम्र के युवाओं की भर्ती के लिए प्रदान की जाने वाली योजना के बाद आया है। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रत्येक बैच से 25 प्रतिशत भर्तियों को नियमित सेवा की पेशकश की जाएगी। योजना के इस प्रावधान के खिलाफ नौकरी के इच्छुक युवाओं द्वारा विरोध किया गया।
इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सीएपीएफ या अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियां अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि दिया गया आरक्षण हॉरिजॉन्टल होगा जिससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रखी गई 50 फीसदी की सीलिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।