पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने राफेल डील पर वायुसेना और सेना प्रमुख को बयानबाजी से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि किसी ने भी राफेल लड़ाकू विमान की क्षमता पर नहीं, डील पर सवाल खड़ा किया है। बेहतर होगा कि सेना और वायुसेना प्रमुख इस मुद्दे पर बयानबाजी न करें।
पी चिंदबरम ने कहा है कि हम वायु सेना प्रमुख पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, साथ ही हम विनम्रता के साथ सेना और वायु सेना से इस बयानबाज़ी से दूर रहने का आग्रह कर रहे हैं क्योंकि विमान की क्षमता पर किसी को भी संदेह नहीं है, बल्कि सवाल विमान की डील उठाए जा रहे हैं।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ पर झूठ बोलने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मोइली ने कहा कि धनोआ ने सच को दबाने के लिए झूठ बोला था। एक दिन पहले ही धनोआ ने जोधपुर में कहा था कि राफेल सौदा देश की सुरक्षा के मामले में गेम चेंजर साबित होगा। वहीं, उन्होंने राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट फैसले को शानदार बताया था।
बयानबाजी पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
मोइली ने कहा, 'सरकारी रिकॉर्ड में रक्षा मंत्री और वायु सेना प्रमुख धनोआ चाहते थे कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को शामिल किया जाए। धनोआ उस समय दॉसो के साथ एचएएल भी गए थे और एचएएल को सक्षम पाते हुए कहा था की कि इनमें क्षमता है। मुझे लगता है कि धनोवा झूठ बोल रहे हैं, वह सच को दबा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सुरक्षा और खजाने पर समझौता करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सरकार के झूठ के आधार पर आया है।