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मणिपुर में अत्याचार कश्मीर से भी बदतर, सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद पीएम मोदी ने दिया बयान: शिवसेना (यूबीटी)

मणिपुर में लगातार जारी जातीय हिंसा को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को बीजेपी सरकार को आड़े हाथों...
मणिपुर में अत्याचार कश्मीर से भी बदतर, सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद पीएम मोदी ने दिया बयान: शिवसेना (यूबीटी)

मणिपुर में लगातार जारी जातीय हिंसा को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। केंद्र और बीजेपी के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार पर तंज कसते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि 'मणिपुर फाइल्स' नाम से एक फिल्म बनाई जानी चाहिए। पार्टी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान नहीं लिया होता तो प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर हमला करते हुए, सेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी राज्य में हिंसा और अत्याचार कश्मीर से भी बदतर हैं।

4 मई को शूट किया गया एक वीडियो बुधवार को सामने आया, जिसमें मणिपुर में युद्धरत समुदायों में से एक की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा नग्न परेड करते हुए दिखाया गया, जिससे राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया।

मोदी ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है और कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

सामना में कहा गया है कि हाल के दिनों में 'ताशकंद फाइल्स', 'द केरल स्टोरी' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्में बनी हैं। इसमें कहा गया, "उन्ही लोगों को अब राज्य में हिंसा पर 'मणिपुर फाइल्स' नाम से एक फिल्म बनानी चाहिए।"

पार्टी ने कहा कि अगर राज्य में गैर-भाजपा सरकार होती तो अब तक उसे बर्खास्त कर दिया गया होता। इसमें आरोप लगाया गया कि मणिपुर पीएम के लिए राजनीतिक रूप से महत्वहीन है और यही वजह है कि राज्य की स्थिति को नजरअंदाज किया जा रहा है।

पार्टी ने कहा कि मणिपुर में 60,000 केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं और फिर भी हिंसा में कोई कमी नहीं आई है। संपादकीय में कहा गया, “इसका मतलब है कि स्थिति पीएम और (केंद्रीय) गृह मंत्री के नियंत्रण से बाहर हो गई है।”

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