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जेटली ने स्वीकारा, बैंक घोटालों के लिए नियामक और ऑडिटर जिम्मेदार

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 11,400 रुपये के बैंक घोटाले के लिए नियामकों और ऑडिटर को जिम्मेदार ठहराया।...
जेटली ने स्वीकारा, बैंक घोटालों के लिए नियामक और ऑडिटर जिम्मेदार

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 11,400 रुपये के बैंक घोटाले के लिए नियामकों और ऑडिटर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि घोटाला करने वालों को सजा देने के लिए कानून और कड़े किए जाएंगे। बिना पीएनबी या नीरव मोदी का नाम लिए उन्होंने कहा कि यह काफी चिंता की बात है कि जब इस तरह का घोटाला हो रहा था तो किसी एक व्यक्ति ने भी खतरे की चेतावनी नहीं दी।

उन्होंने स्वीकार किया कि बैंक घोटालों ने सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों को पीछे धकेल दिया है। इसकी वजह से अर्थव्‍यवस्था की भी आलोचना हो रही है। नई दिल्ली में जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा कि जानबूझ कर बकाया नहीं चुकाना और बैंक धोखाधड़ी व्यापार की विफलता से भी ज्यादा बड़ा है। अगर इस तरह की घटानाएं बार-बार होंगी तो सारे प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे और ये अर्थव्‍यवस्था पर बदनुमा दाग की तरह दिखेंगे।


उन्होंने कहा कि यदि बैंकिंग व्यवस्था की कई शाखाओं में धोखाधड़ी होने लगे और किसी ने इस पर खतरे की बात नहीं कही तो यह देश के लिए चिंता का विषय है। इसके अलावा टॉप मैनेजमेंट और ऑडिटिंग सिस्टम के कई स्तरों के बीच विवाद ने भी चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।

उऩ्होंने अर्थव्यवस्था में नियामकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण बताया। नियामक ही खेल का सारा नियम तय करते हैं। इन्हें काफी चौकस रहना चाहिए और इनकी तीसरी आंख सदा खुली रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापार में अपराध करने वालों पर नियंत्रण के लिए कड़े कानून की जरूरत है ताकि ऐसा करने वाले को कड़ी सजा मिल सके।

जेटली ने कहा कि दुर्भाग्यवश भारतीय व्यवस्था में हम राजनीतिज्ञ उत्तरदायी हैं पर नियामक नहीं। वित्त मंत्री ने कहा कि कर्ज लेने और देने वालों के बीच अनैतिक व्यवहार बंद होना चाहिए। उद्योग को नैतिक व्यवसाय करने की आदत डालनी चाहिए। 

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