गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान सरकार ने किया है। इस बार पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, संघ विचारक नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को यह सम्मान दिया जाएगा।
भारत रत्न देश का वो सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा।
प्रणव मुखर्जी
राष्ट्रपति बनने से पहले कांग्रेस सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं। वह यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकारों में अहम पदों पर भी रहे। कांग्रेस के अग्रिम कतार के नेताओं में गिने जाने वाले प्रणव मुखर्जी पिछले साल आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर भी सुर्खियों में रहे।
प्रणव मुखर्जी के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'प्रणव दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं।' पीएम ने कहा, 'उन्होंने दशकों से निस्वार्थ भाव और बिना थके देश की सेवा की है। उन्होंने राष्ट्र के विकास पथ पर एक मजबूत छाप छोड़ी है।'
नानाजी देशमुख
चंडिकादास अमृतराव देशमुख को नानाजी देशमुख के नाम से भी जाना जाता है। संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया।
भूपेन हजारिका
पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म 'गांधी टू हिटलर' में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन' गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था।
पीएम दी ने बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों हस्तियों को बधाई दी है। पीएम ने कहा कि भूपेन हजारिका के गीत और संगीत पीढ़ियों से लोगों द्वारा सराहे जाते हैं। उनसे न्याय, सौहार्द और भाईचारे का संदेश जाता है। ग्रामीण विकास के लिए नानाजी देशमुख के महत्वपूर्ण योगदान ने हमारे गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने के एक नए प्रतिमान की राह दिखाई।