पुणे की विशेष अदालत ने भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को राहत देने से इनकार कर दिया। शनिवार को वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को पुणे पुलिस ने 6 नवंबर तक हिरासत में लिया है। सुधा भारद्वाज को हरियाणा के फरीदाबाद स्थित उनके आवास से पुलिस ने हिरासत में लिया।
कोर्ट ने किया पत्र का जिक्र
जमानत खारिज करने के आदेश में न्यायाधीश के डी वडने ने जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा एकत्रित सामग्री का जिक्र किया है। यह आदेश 19 पेज और 39 पॉइंट में है। इस आदेश में 18 अप्रैल 2017 के एक पत्र का जिक्र किया गया है। इस पत्र को जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी और सह आवेदक के पास से जब्त किया गया था। इसमें वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा का संदर्भ है। पत्र में कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये की जरूरत और एम4 हथियार खरीदने का जिक्र किया गया है।
बता दें कि 28 अगस्त को गिरफ्तार किए गए पांच कथित माओवादी कार्यकर्ताओं को पुणे लाया जाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती देने के बाद 26 अक्टूबर तक पांचों आरोपियों को हाउस अरेस्ट में भेज दिया गया था।
#bhimakoregaoncase: Activist and Lawyer Sudha Bhardawaj being taken by Pune Police from her residence in Haryana's Faridabad. Pune Court had rejected her bail plea yesterday pic.twitter.com/Sc8wD5IM0e
— ANI (@ANI) October 27, 2018