चुनाव आयोग ने गुरुवार को फिर दोहराया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जरूरी है कि मोदी बायोबिक 19 मई से पहले रिलीज नहीं की जानी चाहिए। आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का उसका निर्णय सही और वैध है।
इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने अभिनेता विवेक ओबराय अभिनीत फिल्म ‘‘पीएम नरेंद्र मोदी’’ पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ को अपनी एक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी थी जिसमें 19 मई तक फिल्म की रिलीज को मंजूरी नहीं दिए जाने की सिफारिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस रिपोर्ट पर शुक्रवार को फैसला करेगा।
स्क्रीनिंग के लिए गठित की गई थी समिति
17 अप्रैल को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फिल्म देखी थी। 'पीएम नरेंद्र मोदी' नाम की बायोपिक की स्क्रीनिंग के लिए सात अधिकारियों की एक समिति गठित की गई थी। समिति का मानना है कि अगर चुनाव के दौरान इस फिल्म को रिलीज किया गया तो एक खास राजनीतिक दल को इसका फायदा मिलेगा। रिपोर्ट में कहा है कि ‘बायोपिक’ में एक ऐसा राजनीतिक माहौल तैयार किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति की महिमा का गुणगान किया गया है।
आयोग के फैसले पर लगाई मुहर
रिपोर्ट में कहा गया कि आयोग का यह फैसला सही है कि 19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाए। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आयोग से इस रिपोर्ट को फिल्म के निर्माता के साथ साझा करने का निर्देश दिया।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी मिलने के बाद भी फिल्म की रिलीज को रोकने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ फिल्म के निर्माता ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, लेकिन देश में लोकसभा चुनावों के शुरू होने के कारण 10 अप्रैल को इस पर रोक लगा दी।