राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दिवाली के बाद से लगातार दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। इस वजह से आसमान में स्मॉग की चादर भी दिख रही है, जिसका असर कई तरह से हो रहा है।
प्रदूषण का स्तर लगातार खराब हो रहा है। इस वजह से लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रैप को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में विभाजित किया गया है - चरण 1 ‘‘खराब’’ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए जो 201 से 300 के बीच है। चरण 2 ‘‘बहुत खराब’’ एक्यूआई (301-400) के लिए, चरण 3 ‘‘गंभीर’’ एक्यूआई (401-450) के लिए और चरण 4 ‘‘बेहद गंभीर’’ एक्यूआई (450 से अधिक) के लिए होता है।
ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को और कम करने के लिए मेट्रो सेवाओं में 60 अतिरिक्त फेरे बढ़ाए जाएंगे, तथा एमसीडी द्वारा धूल कणों को नियंत्रित करने वाली 65 मशीनों के साथ सड़क सफाई प्रयासों को भी बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए तीन पालियों में 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जाएगा, तथा निरंतर संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पाली में नामित चालक होंगे।
इस बीच, दिल्ली सरकार निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने, निजी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगाने और गैर-जरूरी कार्यों को प्रतिबंधित करने के लिए भी कदम उठा रही है। राय ने कहा कि हालांकि, सार्वजनिक और सरकारी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल का उपयोग करें, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और जब भी संभव हो घर से ही काम करने सहित अन्य उपाय करें।