बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह उत्तर प्रदेश के देवरिया में भी शेल्टर होम केस में लड़कियों के साथ यौन अत्याचार की घटनाओं से देश के अन्य सुधार गृहों पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी कहा कि इस तरह की घटनाएं अन्य जगहों पर भी हो रही हैं।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुजफ्फरपुर और देवरिया के शेल्टर होम की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वे बच्चियों के साथ हो रहे शोषण से दुखी और चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर और देवरिया में जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, ऐसा और भी जगह हो रहा है।
मेनका गांधी ने कहा, 'मैं पिछले दो वर्षों से हर सांसद को पत्र लिख रही हूं कि वे अपने-अपने इलाके में चल रहे सुधार गृहों का एक बार दौरा करके वहां की जांच करें लेकिन किसी भी सांसद ने ऐसा नहीं किया। कोई भी सांसद आजतक किसी शेल्टर होम में नहीं गया।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमें जहां से जो भी शिकायत मिलती है, 24 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई की जाती है। हमने शेल्टर होम्स का ऑडिट करने के लिए वहां गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को वहां के दौरे पर भेजा, लेकिन किसी ने भी कोई शिकायत नहीं की। इसका मतलब यह है कि किसी ने भी अपना काम जिम्मेदारी से नहीं किया। बस जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई।'
उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए छोटे सुधार गृहों की बजाए बड़े सुधार गृह बनाने चाहिए, जिनकी क्षमता 1000 बच्चों की हो और उनमें महिला स्टाफ ही होना चाहिए। इसके लिए वे जरूर बजट मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।
जानें देवरिया का पूरा मामला:
बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह ही यूपी के देवरिया के एक शेल्टर होम में लड़कियों के साथ अत्याचार और शारीरिक शोषण होने के मामले का खुलासा हुआ है। यहां एक निजी बालिका गृह में रह रही एक लड़की की शिकायत पर पुलिस ने रविवार रात छापा मारकर बालिका गृह से 24 बच्चियों और लड़कियों को छुड़ाया, जबकि 18 लड़कियां गायब हैं।
मामले में पुलिस ने बालिका गृह के संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन तिवारी और बेटी को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटाने का निर्देश दिया है।
देवरिया के रेलवे रोड पर स्थित मां विंध्यवासिनी नाम का बालिका गृह है और इसकी एक शाखा शहर के रजला गांव में भी चल रही है। इस संस्था की मान्यता एक साल पहले 2017 में स्थगित हो चुकी थी। उस समय सीबीआई ने इसकी जांच की थी लेकिन गिरजा त्रिपाठी अपने ऊंची रसूख के चलते अवैध तरीके से लड़कियों को रख रही थी।
रविवार को जब एक लड़की संस्था से भागकर पुलिस के पास पहुंची तो एसपी रोहन पी कनय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामला का खुलासा किया।