केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि यह बिल आर्थिक अपराध कर विदेश भागने वाले लोगों की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए लाया गया है। इस कानून के जरिए भारत से बाहर की संपत्तियों को संबंधित देश के सहयोग से जब्त किया जाएगा। इस बिल को छह मार्च से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किया जाएगा।
Fugitive Economic Offenders Bill 2018 has been brought to confiscation of assets of a fugitive, including Benami assets. There will also be the provision to confiscate those assets outside India but co-operation of that country will be needed: FM Arun Jaitely pic.twitter.com/eDl88ByTT9
— ANI (@ANI) March 1, 2018
विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए इस बिल की लंबे समय से मांग उठ रही थी। आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट ने भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018 को मंजूरी दे दी।जेटली ने बताया कि सौ करोड़ या उससे ज्यादा का अपराध करने वाले इस बिल के दायरे में आएंगे।
कैबिनेट मीटिंग के बाद जेटली ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल को मंजूरी देशहित में बहुत जरूरी था। इससे बड़े आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसने में आसानी होगी। इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नेशनल फाइनेंसियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए) का गठन किया गया है। लिस्टेड और बड़ी कंपनियों पर यह लागू होगा। ऑडिटर्स और सीए पर इससे शिकंजा कसेगा। एनएफआरए के तहत चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और उनकी फर्मों की सेक्शन 132 के तहत जांच होगी। एनएफआरए स्वायत्त नियामक सस्था के तौर पर काम करेगा।
Cabinet has approved establishment of National Financial Reporting Authority (NFRA): FM Arun Jaitely pic.twitter.com/oyOB2YsOT3
— ANI (@ANI) March 1, 2018