पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से सीबीआई ने ‘वीजा के लिए रिश्वत’ मामले में लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी पूछताछ की। अधिकारियों ने कहा कि लोकसभा सांसद से चीनी नागरिकों को 263 प्रोजेक्ट वीजा दिलाने के बदले 50 लाख रुपये की घूस लेने के मामले में सवाल जवाब किए गए। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) गुरुवार से कांग्रेस नेता से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ कर रहा है, जिसे उन्होंने "सबसे फर्जी" और "राजनीतिक प्रतिशोध" का परिणाम बताया है।
कार्ति चिदंबरम सुबह करीब साढ़े नौ बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और शाम छह बजे तक पूछताछ की गई मामला 2011 का है जब उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी एस भास्कररमन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।
एफआईआर में कहा गया कि पंजाब में बिजली संयंत्र लगा रहे वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के एक शीर्ष अधिकारी ने कार्ति और उनके करीबी सहयोग एस भास्कररमन को वीजा जारी कराने के लिए 50 लाख रुपये दिए थे। साथ ही आरोप है कि चीनी कंपनी ने भास्कररमन के जरिये ही कार्ति से संपर्क साधा था। सीबीआई ने इस मामले में भास्कररमन को गिरफ्तार किया था और वह अभी सीबीआई रिमांड पर है।
परियोजना वीजा बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए 2010 में पेश किया गया एक विशेष प्रकार का वीजा है, जिसके लिए चिदंबरम के गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, लेकिन परियोजना वीजा को फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था। कार्ति के खिलाफ यह तीसरी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। इससे पहले उनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।