बेंगलुरु के चर्चित आई मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) पोंजी घोटाला मामले में सोमवार को यानी आज जांच एजेंसी सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। 25 लोगों सहित कुल 31 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। इससे पहले इस मामले में 3 अगस्त को आईपीएस अधिकारी अजय हिलोरी विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश हुए थे। इस दौरान इसके साथ काफी देर तक पूछताछ भी की गई थी।
न्यायिक हिरासत में भेजा गया था मुख्य आरोपी
इस मामले का मुख्य आरोपी आईएमए के संस्थापक-मालिक मोहम्मद मंसूर खान को 14 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मंसूर खान को पिछले महीने ईडी ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। वह इसके बाद से ही ईडी की हिरासत में है। मंसूर खान पर ईडी के साथ-साथ एसआईटी ने भी लुक आउट सर्कुलर जारी किया था।
19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया था गिरफ्तार
बता दें कि करोड़ों की पोंजी योजना घोटाला के मुख्य आरोपी और आईएमए ज्वैलर्स के संस्थापक मंसूर खान को 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने दुबई से आने के बाद नई दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एसआईटी को करोड़ों के आईएमए गोल्ड धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता मिली थी। एसआईटी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से लुकआउट नोटिस जारी कर इंटरपोल सहित सभी संबंधितों को खान की जानकारी दी थी।
खान पर बेंगलुरु में करोड़ों की वित्तीय धोखाधड़ी करने का आरोप है। वह एक महीने से फरार था और उसके दुबई में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उसे वापस भारत आने के लिए कहा गया था।
क्या है मामला
यह कुल 1500 करोड़ का घोटाला है। इस घोटाले में आई मॉनिटरी अडवाइजर (IMA) के संस्थापक मोहम्मद मंसूर खान पर मुस्लिमों को इस्लामिक बैंक के नाम पर करीब 30 हजार चूना लगाने का आरोप है। मोहम्मद मंसूर करीब 1500 करोड़ की धोखाधड़ी कर दुबई भाग गया था। मंसूर खान ने लोगों से स्कीम में पैसा लगाने पर मोटे पैसे वापस आने का वादा किया गया था, लेकिन लोगों के साथ धोखा हुआ। साल 2006 में बिजनेस ग्रैजुएट मंसूर खान ने आई मॉनेटरी एडवाइजरी (IMA) के नाम से एक बिजनेस की शुरुआत की थी। उसने निवेशकों को बताया कि यह संस्था बुलियन में निवेश करेगी और निवेशकों को 7 से 8 फीसदी का रिटर्न मिलेगा।