व्यापमं घोटाला भर्ती परीक्षा मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल में सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही प्रत्येक पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला 2012 के मामले में पांच आरोपियों को दोषी माना था। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद पांचों आरोपियों को केंद्रीय जेल भेज दिया था। मंगलवार शाम करीब 4 बजे कोर्ट से सजा सुनाई।
CBI special court in Bhopal sentenced 5 convicts to 7 years imprisonment each in 2012 Police recruitment examination scam #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) February 20, 2018
मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एससी उपाध्याय की कोर्ट में चल रही थी। सीबीआई के विशेष अभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि थाना एसटीएफ में अपराध क्रमांक 2/15 एसटीएफ को विजय सिंह यादव के आवेदन पत्र पर शिकायत दर्ज की थी। जांच के आधार पर 22 जनवरी 2015 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गयीं थी।
एसटीएफ ने इस मामले में तीन आरोपी नरोत्तम यादव, भगवान सिंह यादव एवं अविनाश सिंह यादव को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने मामले में 17 अप्रैल 2015 को मुख्य आरोपी नरोत्तम के खिलाफ चालान पेश किया था। इसमें जांच एजेंसी ने बताया था कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में नरोत्तम का चयन हो गया था। उसकी पदस्थापना रीवा में कर दी गई थी। दो अन्य आरोपी अविनाश यादव और भगवान सिंह यादव के खिलाफ भी पूरक चालान पेश किया गया था। इसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई के पास आ गई थी।
सीबीआई जांच में दो अन्य आरोपियों की भूमिका सामने आयी थीं, इनमें प्रभात मेहता और ऋषभ अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने जांच के बाद चालान पेश किया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश को यह मामला सुनवाई के लिए 27 जुलाई 2017 को मिला था।
5 महीने में 29 की हुई गवाही
मामले में सीबीआई को मेहता ने बताया था कि इन सब काम के लिए लाखों रुपए का लेन-देन हुआ था। सीबीआई ने 6 साल पुराने इस मामले में कोर्ट में 29 गवाहों की सूची पेश की थी। 13 सितंबर 2017 को कोर्ट में पहले गवाह को गवाही के लिए बुलाया गया था। इसके बाद लगातार 5 माह चली सुनवाई में कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।