सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आइएनएक्स मीडिया घूस मामले में सरकारी गवाह बनने की इंद्राणी मुखर्जी की याचिका पर नो ऑब्जेक्शन जारी कर दिया है। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी भी आरोपी है। मामले में अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
इस साल आठ फरवरी को आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी और पूर्व मीडिया प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी ने सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में याचिका दी थी। पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज सुनील कुमार राणा के समक्ष मुंबई की भायखला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इंद्राणी की पेशी हुई। उसने बताया कि वह इसमें सरकारी गवाह बनना चाहती है। कोर्ट के पूछने पर उसने कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है और उसे वकील मुहैया करवाया जाए।
भायखला जेल में बंद है इंद्राणी
पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी के पहले पति की बेटी शीना बोरा की हत्या हो गई थी जिसके आरोप में 2015 में इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था और इस समय मुंबई की भायखला जेल में बंद है। पूछताछ के बाद पुलिस ने पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार किया था।
24 अप्रैल 2012 को शीना बोरा की हत्या हुई थी। इसका खुलासा साल 2015 में हुआ, जब इंद्राणी के ड्राइवर श्यामवर राय को हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इंद्राणी पर आरोप है कि उसने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय के साथ मिलकर शीना की हत्या कर दी थी।
चिदंबरम पर है पद के दुरुपयोग का आरोप
सीबीआई और ईडी ने मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, सीए भास्कर रमण और इंद्राणी मुखर्जी को आरोपी बनाया है। एजेंसी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने के लिए चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग किया था और बेटे कार्ति के जरिये 300 करोड़ से ज्यादा की घूस ली थी।
पूछताछ में इंद्राणी बता चुकी है कि वह एफआईपीबी की मंजूरी के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से मिली थी। कार्ति चिदंबरम जमानत पर है जबकि पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित है।