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किसानों को विरोध का दंड देना चाहती है केंद्र सरकार, ‘बेरहम‘ रवैया निंदनीय, : बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से...
किसानों को विरोध का दंड देना चाहती है केंद्र सरकार, ‘बेरहम‘ रवैया निंदनीय, : बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति केंद्र सरकार का ‘बेरहम‘ रवैया निंदनीय है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने का दंड देना चाहती है।

सुखवीर बादल ने कहा कि केंद्र सरकार ने कड़ाके की ठंड में खुले में डेरा डाले किसानों के प्रति कठोर तथा असंवेदनशील रवैया अपनाया है। बादल ने कहा कि नरेंद्र मोदी का मकसद सिर्फ किसानों को थका देना है, इसलिए सिर्फ बातें ही की जा रही हैं।

शिअद नेता ने कहा कि आढ़तियों पर आयकर के छापे मारने तथा किसानों को ‘अलगाववादी‘ करार देकर बदनाम करने से बाज़ आना चाहिए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को रदद करने के लिए संसद का एक विशेष एक दिवसीय सत्र बुलाना चाहिए।

भाजपा नेतृत्व को इस पूरे मामले में मानवतावादी रवैया अपनाने की नसीहत देते हुए बादल ने कहा कि 40 से भी अधिक किसानों की जानें जा चुकी हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सत्ता को बैठकर किसानों की बातचीत सुनकर उसका समाधान निकालने से पहले से पहले कितने किसान शहीद होने चाहिए।

बादल ने दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि मौजूदा एनडीए सरकार को श्री वाजपेयी के निर्धारित समावेशी शासन के उदाहरण सीखने तथा सभी को अपने साथ लेकर चलने की जरूरत है। सरकार को अपने दरवाजे पर असहनीय परिस्थिति में डेरा डाले हजारों पुरूषों, महिलाओं तथा बच्चों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए कार्य करना चाहिए और इसमें ‘झूठी प्रतिष्ठा‘ तथा ‘अंहकार‘ पर नहीं अड़ना चाहिए।

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