न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से नीट की प्रवेश परीक्षा के लिए उर्दू माध्यम लागू करना व्यावहारिक नहीं है।
पीठ ने केंद्र सरकार, भारतीय चिकित्सा परिषद, डेंटल काउंसिल आफ इंडिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए 22 मार्च तक का समय प्रदान किया है।
पीठ अब स्टूडेन्ट इस्लामिक आर्गेनाइजेशन की याचिका पर 26 मार्च को आगे सुनवाई करेगा। यह संगठन चाहता है कि नीट, 2017 की प्रवेश परीक्षा उर्दू माध्यम में भी कराई जाए। इस समय नीट की प्रवेश परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, उड़िया, बांग्ला, असमिया, तेलुगू, तमिल और कन्नड भाषा में आयोजित की जा रही है।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने तीन मार्च को केंद्र और अन्य पक्षकारों से नीट की परीक्षा में उर्दू को भी एक माध्यम बनाने के सुझाव पर जवाब मांगा था।