अरुणाचल प्रदेश में बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास गुरुवार को भारतीय सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट के साथ-साथ सह-पायलट की भी मौत हो गई है। एक रक्षा प्रवक्ता ने पुष्टि की कि मलबे का पता लगा लिया गया है। आर्मी, सशस्त्र सीमा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पांच खोज दलों को भेजा था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि मृत पायलटों की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल वीवीबी रेड्डी और मेजर जयंत ए के रूप में की गई है। भारतीय सेना ने दुर्घटना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने आज पहले कहा था कि बोमडिला के पास परिचालन उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टर का सुबह करीब सवा नौ बजे हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से संपर्क टूट गया। उन्होंने कहा, "यह बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए खोज दलों को मौके पर भेजा गया है।"
विशेष जांच प्रकोष्ठ (एसआईसी) के पुलिस अधीक्षक रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब दिरांग में दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर को जलता हुआ पाया और जिला अधिकारियों को सूचित किया। जब पुलिस मौके पर पहुंची तब हेलीकॉप्टर जल रहा था। सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में कोई मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है और मौसम अत्यंत कोहरा है और दृश्यता पांच मीटर तक कम है।
तवांग में यह पहला हेलीकॉप्टर हादसा नहीं था। 2017 में वायु सेना के Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद IAF के पांच चालक दल के सदस्य और सेना के दो अधिकारी मारे गए थे। अक्तूबर में भी पिछले साल तवांग क्षेत्र में सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें एक पायलट की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।