कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का जो ब्यौरा पेश किया है उसमें गरीबों, प्रवासी मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि 13 करोड़ परिवारों, जिन्हें तंगहाली में धकेल दिया गया है, उनके खातों में कोई कैश ट्रांसफ़र नहीं हुआ है।
चिदंबरम साहब ने कहा कि पूरी घोषणा में लिक्विटिडी मेजर तो हैं यानि कर्जा देने की एक लाइन तो आपने दी, पर फिस्कल स्टिमुलस कहां है, यानि जनता की जेब में पैसा डालने का प्रावधान कहाँ है? इस पूरे पैकेज में आम जनमानस या छोटी इकाइयों को सीधा एक रुपया हासिल नहीं होगा, तो ऐसे में उनको गति और प्रगति कैसे प्रदान हो पाएगी? देश गति और प्रगति पैकेज की इंतजार में था।
एमएसएमई में सभी को फायदा नहीं
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि आज सबसे ज्यादा परेशान गरीब और प्रवासी श्रमिक हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें असहाय छोड़ दिया है। मध्यम वर्ग को भी कोई राहत नहीं है। आईटीआर की तारीख बढ़ाई गई है, लेकिन यह वित्तीय सहयोग का कदम नहीं है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई इकाइयों के लिए कुछ सहयोग की घोषणा की, लेकिन यह बड़े एमएसएमई इकाइयों के लिए है। मेरे विचार में 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयों को छोड़ दिया गया है। बाकी उद्योगों का क्या होगा और उन 11 करोड़ लोगों का क्या होगा, जिनकी तनख्वाह अब 2 से 3 महीने से नहीं मिली, क्योंकि इस राहत पैकेज में उन 11 करोड़ कर्मियों की चर्चा तक नहीं की गई?
किसानों के लिए फूटी कौड़ी नहींः सुरजेवाला
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आज देश का प्रवासी मजदूर, किसान खुद को ठगा हुआ पा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान के लिए राहत पैकेज में फूटी कौड़ी भी नहीं है।
सरकार कर रही है गुमराहः ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इस पैकेज में राज्यों के लिए कुछ नहीं है। यह पैकेज ‘शून्य’ है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस महामारी संकट के बीच गुमराह करने का काम कर रही है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज पर पत्रकारों के सामने इसका विस्तृत ब्योरा रखा।