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बच्चों ने दिया संदेश, कला कभी किसी सुविधा या अमीरी का मोहताज नहीं होती

नई दिल्ली। नन्हें-नन्हें बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना कितना सुखद अहसास होता है, यह उनके लिए कुछ...
बच्चों ने दिया संदेश, कला कभी किसी सुविधा या अमीरी का मोहताज नहीं होती

नई दिल्ली। नन्हें-नन्हें बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना कितना सुखद अहसास होता है, यह उनके लिए कुछ अच्छा करने के बाद ही समझ आ सकता है। इन मासूम बच्चों को खुशी के कुछ पल देने के उद्देश्य से सुगम्या फाउंडेशन की ओर से एक बहुत अच्छी पहल की गई। जिसके अंतर्गत सुगम्या परिवार ने फाउंडेशन के साथ मिलकर 100 से अधिक जरुरतमंद बच्चों को स्कूल किट, स्टेशनरी, नए कपड़े, आउटडोर एवं इंडोर गेम्स और खाने का सामान का वितरित किया। इस दौरान बच्चों ने अपने हुनर का प्रदर्शन कर संदेश दिया कि कला कभी किसी सुविधा या अमीरी का मोहताज नहीं होती है, बल्कि अपनी लगन और मेहनत के दम पर हर सपना पूरा किया जा सकता है।

“होप प्रोजेक्ट" नामक यह कार्यक्रम फाउंडेशन तथा कंपनी के सी.एस.आर इनिशिएटिव के तहत आयोजित किया गया, जिसमें सोफ़िया वेलफयर ट्रस्ट द्वारा जामा मस्जिद में चलाये जा रहे शेल्टर होम में रह रहे बच्चों में यह सामान बांटा गया। इसके साथ ही फाउंडेशन के द्वारा इस शेल्टर होम में रह रहे बच्चो के लिए रिक्रिएशनल जोन के निर्माण हेतु 51 हजार रुपए की राशि का सहयोग भी दिया गया, जहां वह खाली समय में विभिन्न मनोरंजक गतिविधियां कर सकेंगे। कार्यक्रम के दौरान सुगम्या कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रजमोहन सिंह, सीईओ विकास सिंह सहित सभी विभागाध्यक्ष भी शामिल हुए।

फाउंडेशन की इस पहल ने शेल्टर होम के बच्चों में एक नयी उमंग भर दी, जो उनके चेहरों की चमक बता रही थी। बच्चों में उनकी जरूरत के सामान के वितरण के साथ-साथ साथ होली का प्री सेलिब्रेशन भी किया गया जिसमें पिचकारी, गुब्बारे और ऑर्गनिक रंगो के माध्यम से सभी बच्चों ने मिलकर होली मनाई।

इस अवसर पर सुगम्या कंपनी के सीईओ विकास सिंह ने कहा, "हमें खुशी है कि होप प्रोजेक्ट के माध्यम से हम इन बच्चों के चेहरे पर खुशी लाने में कामयाब रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास इनके बचपन को खुशनुमा बना देगा।" एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रजमोहन सिंह ने कहा कि," ये होप प्रोजेक्ट सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है बल्कि अनगिनत बेसहारा और जरुरतमंद बच्चों के लिए आशा की किरण है।"

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