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चिराग पासवान ने PM मोदी को लिखा पत्र, जस्टिस गोयल को NGT अध्‍यक्ष पद से की हटाने की मांग

एससी-एसटी एक्ट पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके गोयल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल...
चिराग पासवान ने PM मोदी को लिखा पत्र, जस्टिस गोयल को NGT अध्‍यक्ष पद से की हटाने की मांग

एससी-एसटी एक्ट पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके गोयल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) का अध्यक्ष बनाए जाने पर दलित नेताओं ने सवाल उठाए हैं। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी ने पत्र में एससी/एक्ट पर अध्यादेश लाने की भी बात कही है।

चिराग पासवान ने पीएम को पत्र लिखकर की ये मांग

केंद्रीय मंत्री और एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के सांसद बेटे चिराग पासवान ने पीएम को पत्र लिखकर कहा, 'सरकार द्वारा अतिशीघ्र जस्टिस (रिटायर्ड) एके गोयल को एनजीटी चेयरमैन पद से बर्खास्त किया जाए।' चिराग ने पत्र में कहा, 'संसद के चालू सत्र में विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रभाव से अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कानूनी सुरक्षा की व्यवस्था को बहाल किया जाए।

अगर इसमें कोई बाधा है तो संसद के चालू सत्र को दो दिन पहले खत्म कर अध्यादेश लाया जाए।' उन्होंने कहा कि सरकार के इन कदमों से एससी/एसटी के बीच विश्वास का माहौल पैदा होगा।

रामविलास पासवान ने भी राजनाथ सिंह को लिखा पत्र

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस एके गोयल को राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का अध्‍यक्ष बनाए जान से नाराज केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर जस्टिस गोयल को पद से हटाने की मांग की है। उन्‍होंने पत्र में लिखा है कि दलित समूहों के संगठन ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा (एआईएएम) भी जस्टिस गोयल को एनजीटी के अध्‍यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहा है।

लोजपा अध्‍यक्ष रामविलास पासवान के मुताबिक, एआईएएम ने सरकार से यह मांग की है कि वह संसद के मौजूदा सत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम को लाए। साथ ही अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों से जुड़े मामलों में सरकार को त्‍वरित निर्णय लेने भी होंगे।

एनडीए के दलित सांसदों की बैठक गोयल को हटाने की बनी सहमति

 

23 जुलाई को मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान के घर पर एनडीए के दलित सांसदों की बैठक हुई जिसमें एससी-एसटी अत्याचार निरोधक कानून और सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इसी बैठक में जस्टिस गोयल को हटाने के लिए दलित सांसदों ने सहमति दी थी।

SC-ST एक्ट मामले पर दिया था फैसला

गौरतलब है कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की एके गोयल और यूयू ललित की बेंच ने अहम फैसला दिया था। इसमें पीठ ने फैसला दिया था कि एससी-एसटी एक्‍ट के तहत कथित उत्पीड़न की शिकायत को लेकर तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से नाराज लोगों ने देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन किया था और दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई थी।


 

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