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जामिया में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्र रिहा, धरना खत्म

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम और पश्चिम बंगाल के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में भी विरोध...
जामिया में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्र रिहा, धरना खत्म

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम और पश्चिम बंगाल के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। रविवार को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में छात्र जब प्रदर्शन कर रहे थे दिल्ली पुलिस के जवान यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस आए और उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस कार्रवाई में करीब 35 छात्रों के घायल होने की सूचना है। इनमें से 11 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जामिया में फायरिंग की भी खबरें हैं। जामिया में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ 300 से ज्यादा लोग रात को विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंच गए। इनमें जामिया के अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र भी थे। छात्र-छात्राओं के अलावा दिल्ली के नागरिक भी प्रदर्शन के लिए पहुंच गए।

जामिया के चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि पुलिस जबरदस्ती कैंपस में घुसी और वहां छात्रों और स्टाफ को को मारा गया। छात्रों को जबरदस्ती बाहर निकाला गया। छात्रों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस जबरदस्ती लाइब्रेरी में घुस गई और वहां छात्रों के साथ मारपीट की गई। जामिया नगर में हिंसा के बाद पुलिस तैनात कर दी गई है। कुछ छात्रों का कहना है कि पुलिस कई छात्रों को उठाकर ले गई, उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। कुछ छात्रों को दिल्ली के अलग-अलग थानों में भी रखा गया है। इनमें कुछ छात्र बुरी तरह से घायल थे। इसके बावजूद उनका इलाज नहीं करवाया गया। बल्कि कुछ छात्रों को अस्पताल से भी उठाकर थाने लाए जाने की खबर है।

जामिया में पुलिस कार्रवाई के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यूनिवर्सिटी के हॉस्टल को खाली कराया जा रहा है। जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी दोनों को 6 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। अलीगढ़ में  इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। यहां परीक्षाएं टाल दी गई हैं। इस बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि तनाव वाले इलाकों में स्कूल बंद रहेंगे।

दिल्ली में रविवार को दिन से ही विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया था। जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शनों के बाद मथुरा रोड पर भी प्रदर्शन के साथ हिंसा फैल गई। पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच जमकर भिड़ंत हो गई। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और टियर गैस के गोले छोड़े तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और चार बसों को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पहले डीटीसी की एक बस को आग लगा दी और एक फायर टेंडर में तोड़-फोड़ की। दो पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है। दिल्ली मेट्रो ने मेजेंटा लाइन के सुखदेव बिहार स्टेशन के गेट बंद कर दिए हैं। आश्रम मेट्रो स्टेशन का भी एक गेट बंद कर दिया गया है। बाद में हिंसा और तेज हो गई। सड़कों पर अपनी कारों में जा रहे लोग डर के मारे गाड़ियां छोड़कर भागते दिखाई दिये। कॉलोनियों के गेट सुरक्षा के लिए बंद कर दिए गए।

हिंसा फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएः दिल्ली सीएम

पुलिस और छात्रों के बीच हिंसा के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से बात की और उनसे अनुरोध किया कि हालात सामान्य बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने और तोड़फोड़ करने वाले असली दोषियों की पहचान करके उन्हें सजा दिलानी चाहिए। 

छात्रों का दावा- शांतिपूर्ण था विरोध प्रदर्शन

दूसरी ओर छात्रों ने दावा किया कि जब वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, उसी समय पुलिस ने बेवजह लाठी चार्ज कर दिया। दिल्ली अग्नि शमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि आग को बुझाने के लिए चार गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। अग्नि शमन की एक गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। यह पूरी तरह नष्ट हो गई और दो कर्मचारी घायल हो गए।  

पुलिस ने परेशान किया तो हिंसा भड़की

कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव सायमन फारूकी ने बताया कि प्रदर्शनकारी मथुरा रोड पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को परेशान करने की कोशिश की जिसका उन्होंने विरोध किया। इसक बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया और टियर गैस के गोले दागे। एक छात्र ने दावा किया कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने बसों को आग लगा दी और तोड़फोड़ की।

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