तमिलनाडु के चेन्नई में कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया है कि जींस और कैप्री पहनने पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए उन्हें दोपहिया वाहनों का ड्राइविंग टेस्ट देने से रोक दिया गया। हालांकि इन आरोपों पर क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट कार्यालय (आरटीओ) ने सफाई देते हुए कहा कि टेस्ट के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। यह आरोप गलत है। पीटीआई के मुताबिक, कुछ महिलाओं ने कथित तौर पर केके नगर आरटीओ के मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने जींस और कैप्री में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देने दिया और शालीन कपड़े पहनकर आने को कहा। आरोप है कि उन्होंने सलवार-कमीज पहनकर आने को कहा।
हालांकि अधिकारी ने दिया शालीनता पर जोर
इन आरोपों पर आरटीओ पश्चिम के एक अधिकारी ने कहा- किसी भी महिला को इस वजह से वापस नहीं भेजा गया। लेकिन यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अच्छा है कि वे जब टेस्ट के लिए आएं तो सुरक्षा और शालीनता का ध्यान रखें। अधिकारी ने कहा कि लंबा और खुला हुआ दुपट्टा या ढीलाढाला और लहराता हुआ परिधान, साड़ी ड्राइविंग के दौरान समस्या बन सकती है। टेस्ट हो या सामान्य मौका ये समस्या बन सकते हैं।
उन्होंने कहा- सरकार द्वारा लिया जा रहा टेस्ट औपचारिक मौका है तो ऐसे में टेस्ट देने वाले को शालीनता का ध्यान रखना चाहिए। यह हम लोगों का महिलाओं और पुरुषों को सुझाव है, हालांकि हमने कभी भी कोई नियम या फरमान जारी नहीं किया।
पहले भी आरटीओ की तरफ से दी गई थी ऐसी हिदायत
आरटीओ अधिकारियों ने बताया कि टेस्ट देने वाले पुरुष प्रतिस्पर्धियों को छोटे कपड़े नहीं पहने चाहिए जैसे कि शॉर्ट्स और महिलाएं ऐसे कपड़ों का चुनाव करें जो उनके लिए सहूलियत वाले, सुरक्षित और शालीन हों। छह महीने पहले भी एक अन्य आरटीओ ने भी शहर की कुछ महिलाओं को उचित परिधान पहनने की सलाह दी थी ताकि वे सुरक्षित तरीके से दोपहिया वाहन चला सकें।