अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार ने अगले चुनाव आयोग प्रमुख के लिए नामों की सूची बनाने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में एक खोज समिति गठित की है। सूत्रों ने सोमवार को एक आदेश का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।
वित्त और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव इस समिति के अन्य दो सदस्य हैं। अभी तक, सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त (ईसी) को वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में पदोन्नत किया जाता था।
हालांकि, पिछले साल सीईसी और ईसी की नियुक्तियों पर एक नया कानून लागू होने के बाद, एक खोज समिति सीईसी और ईसी के रूप में नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति के विचारार्थ सचिव स्तर के पांच अधिकारियों के नामों की सूची बनाती है।
सीईसी राजीव कुमार 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 18 फरवरी को पद छोड़ देंगे। सीईसी के अलावा राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए एक नया ईसी भी नियुक्त किया जा सकता है।
जबकि "मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023" के प्रावधानों को पहली बार सीईसी की नियुक्ति के लिए लागू किया जा रहा है, इसका इस्तेमाल पिछले साल अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के इस्तीफे से रिक्त हुई जगहों को भरने के लिए ईसी ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू को नियुक्त करने के लिए किया गया था।
कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे।
राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ ईसी हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। सूत्रों ने कहा कि नए ईसी की नियुक्ति के लिए भी उम्मीदवारों के इसी समूह का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खोज समिति का गठन 17 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत किया गया था और यह 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान बैठक कर सकती है।
कानून के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति ऐसे व्यक्तियों में से की जाएगी जो भारत सरकार के सचिव के पद के समकक्ष पद पर हैं या रह चुके हैं और वे ईमानदार व्यक्ति होंगे जिन्हें चुनावों के प्रबंधन और संचालन का ज्ञान और अनुभव होगा। दूसरे शब्दों में, कार्यरत और सेवानिवृत्त सचिव स्तर के अधिकारियों को मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।