केरल में नन के रेप और यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किए गए बिशप फ्रैंको मुलक्कल को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है लेकिन जमानत पर कई शर्ते भी लागू रहेंगी। हाईकोर्ट ने आरोपी बिशप को केरल में दाखिल होने पर रोक लगा दी है। उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने आरोपी बिशप की तीन अक्टूबर को जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बिशप के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के 85 दिन बाद गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट के समक्ष नई याचिका दायर की। इसमें उन्होंने दलील दी कि पुरानी याचिका के वक्त अभियोजन ने जो आपत्तियां की थी, वह अब नहीं हैं।
28 जून को कुराविलंगड़ थाने में दुष्कर्म पीड़िता का बयान दर्ज किए जाने के बाद बिशप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। तीन दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें 21 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में 24 सितंबर को उन्हें दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
ये है पूरा मामला
54 वर्षीय बिशप पर नन ने 2014 से 2016 के बीच रेप और अप्राकृतिक सेक्स करने का आरोप लगाया था। जून में कोट्टयाम पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि बिशप ने मई 2014 में कुराविलंगाड गेस्ट हाउस में उनका रेप किया और बाद में भी यौन शोषण करते रहे। मामला तूल पकड़ने के बाद बिशप ने अपने बचाव में कई तर्क दिए थे। मामले में मुश्किलें बढ़ती देख बिशप मुलक्कल ने एक सर्कुलर जारी करके प्रशासनिक दायित्व दूसरे पादरी को सौंप दिया था। वहीं, वैटिकन ने भी उनको पदमुक्त कर दिया था।