बजट सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने देश में 'अलिखित तानाशाही' के अस्तित्व पर जोर दिया। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का उदाहरण देते हुए केंद्र पर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
तिवारी ने असम में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा पर 'हिंसक हमले' और उस पर राज्य सरकार के प्रतिबंधों के बारे में भी चिंता जताई। प्रत्येक सत्र से पहले विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श कर मुद्दों को उजागर करना एक पारंपरिक प्रथा है।
बैठक में शामिल होने वाले अन्य विपक्षी नेताओं में कांग्रेस के के सुरेश, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके के टीआर बालू, शिव सेना के राहुल शेवाले, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन, जेडी (यू) के राम नाथ ठाकुर और टीडीपी के जयदेव गल्ला शामिल थे। संसद भवन परिसर में हुई बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में उप नेता प्रल्हाद जोशी और उप संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बातचीत को "बहुत सौहार्दपूर्ण" बताते हुए संक्षिप्त सत्र में हर मामले को संबोधित करने की सरकार की इच्छा पर जोर दिया, जो संसदीय चुनावों की घोषणा से पहले वर्तमान लोकसभा के लिए अंतिम सत्र है। आगामी सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक निर्धारित है।
उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी, साथ ही नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। सत्र की शुरुआत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन से होगी।