कोरोनावायरस को लेकर दिल्ली के एम्स में राष्ट्रीय टेली कंसल्टेशन सेंटर बनाया गया है। यह सेंटर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के डाक्टरों को वीडियो कॉन्फ्रेंस और वॉट्सएप जैसे अन्य मोड ऑफ कम्युनिकेशन से क्लीनिकल गाइडेंस मुहैया कराएगा। इसके अलावा सीजीएचएस के क्रोनिक मरीजों को तीन महीने की दवा एक साथ इश्यू की जाएगी ताकि उन्हें खुद न जाना पड़े।
शनिवार को एक प्रेस कॉन्फेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि एम्स में इस सेंटर का आज स्वास्थ्य मंत्री ने उद्घाटन किया है। सेंटर के जरिए कोविड-19 के बारे में एम्स के डाक्टर गाइडेंस देंगे। इसके साथ ही मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि सीजीएचएस के क्रोनिक मरीजों को तीन महीने की दवा एक साथ इश्यू की जाए। ऐसे मरीज अपने किसी प्रतिनिधि को भेजकर भी दवाइयां ले सकते हैं।
राज्यों के लिए बनाए नोडल अफसर
उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारा फोकस इस समय कोविड को मैनेज करने के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी और लॉकडाउन को सही तरीके से इस्तेमाल करने में है। इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों में नोडल अधिकारी लगाए हैं। सभी नोडल अधिकारियों से स्वास्थ्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे। संयुक्त सचिव ने कहा कि दुनियाभर से सामने आई रिपोर्ट में पाया गया है कि इस वायरस से सबसे ज्यादा जोखिम बुजुर्गों को है। कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह हम सबके साथ मिलकर लड़ने की लड़ाई है,इसमें आप सब हमें अपना सहयोग दें।
मजदूरों को जरूरी सुविधा देने के निर्देश
गृहमंत्रालय की पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मजदूरों तक जरूरी सुविधा मुहैया कराए जाने की जानकारी पहुंचाए जाने के लिए भी कहा गया है। मजदूरों के रहने-खाने की व्यवस्था के लिए कहा गया है। राज्यों से आपदा प्रबंधन फंड के इस्तेमाल का निर्देश दिया है। लॉकडाउन में सभी जरूरी सामान को पहुंचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। आईसीएमआर के रमन आर गंगाखेडकर ने कहा कि 400 लोगों का अब तक निजी लैब्स में टेस्ट किया जा चुका है और 44 लैब्स को अनुमति दी गई है।
बता दें कि देश और दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अब तक देश में 873 मामले पॉजिटिव पाये गये जिसमें से 775 लोगों का इलाज जारी है। 78 लोग ठीक हो गए हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 149 नए मामले सामने आए हैं।