कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के भ्रम भी पैदा हो रहे हैं। संक्रमण के डर से लोग सड़कों पर हर तरफ मास्क लगाए घूम रहे हैं तो शव से भी संक्रमण फैलने को लेकर भय बना हुआ है। दिल्ली में एक महिला की मौत कोरोना वायरस के चलते हो गई। शनिवार को महिला के शव के अंतिम संस्कार को लेकर निगम बोध घाट पर अजीबोगरीब हालात पैदा हो गए और डाक्टरों की निगरानी में अंतिम संस्कार कराया गया। एम्स ने इस भ्रम को दूर करते हुए कहा है कि शवों से कोरोना वायरस नहीं फैल सकता।
एम्स के डायरेक्टर डाक्टर रणदीप गुलेरिया एएनआई ने कहा, 'कोरोना वायरस शवों से नहीं फैल सकता। यह रेस्पायरेटरी सीक्रेशन से फैलता है। वायरस के प्रसार के लिए खांसी जरूरी है। इसलिए संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से कोई खतरा नहीं है।' उनका कहना है कि कोरोना खांसने या छींकने से फैलता है न कि मृतक के शव से।
देश में 84 मामले सामने आए
भारत में घातक हो चुके कोरोना वायरस से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती 69 साल की महिला ने दम तोड़ दिया है। इससे पहले कर्नाटक में एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हुई थी। महिला डायबिटीज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित थी। मृतक महिला का बेटा हाल ही में विदेश से लौटा था। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कोरोना वायरस के 84 मामलों की पुष्टि हुई है। पिछले 24 घंटे में आठ नए मामले सामने आए हैं। हालांकि कोरोना के भय को देखते हुए केंद्र, राज्य सरकारें और डॉक्टर नियमित रूप से अपने संदेश के माध्यम से उनका आशंका दूर करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि किसी तरह की घबराहट न मचे।
डाक्टरों की निगरानी में हुआ महिला के शव अंतिम संस्कार
असल में कोविड-19 के केंद्र वुहान से ऐसी खबरें आती रही हैं कि अंतिम संस्कार के लिए शव परिवार को नहीं दिए गए और 14 दिनों बाद सिर्फ परिवार को राख ही दी गई। उन्हें शव को छूने और देखने तक नहीं दिया गया। दिल्ली में कोरोना से एक महिला की मौत हो गई जिसके अंतिम संस्कार को लेकर असमंजस के हालात पैदा हो गए। पहले दिल्ली के निगम घाट ने महिला के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया। बाद में डाक्टरों की निगरानी में अंतिम संस्कार कराया गया।