कोर्ट ने पंचकुला हिंसा के 53 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह और हत्या के प्रयास के आरोपों को एफआईआर से हटाने का आदेश दिया है। इसे पिछले साल 25 अगस्त को पंचकुला में भड़की हिंसा और सुनवाई के मामलों की जांच कर रही एसआईटी के लिए झटका माना जा रहा है
#Haryana Panchkula Court has dropped 'attempt to murder' and' sedition' charges against 53 accused in Dera Sacha Sauda violence case.
— ANI (@ANI) February 19, 2018
कोर्ट ने कहा है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और देशद्रोह की धाराएं लगाई थीं लेकिन यह साबित नहीं होता कि किसी पुलिसकर्मी या अन्य को जान का खतरा है तथा इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई पर्याप्त सबूत नहीं है। इन 53 आरोपियों में पंचकुला डेरा के इंचार्ज चमकौर सिंह, प्रवक्ता सुरेंद्र धीमान भी शामिल है। हालाकि कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि हनीप्रीत इंसान, आदित्य इंसान और दूसरे लोगों के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र के मामले जारी रहेंगे।
बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस मामले से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग या ऐसे तथ्य पेश नहीं कर पाई जिससे देशद्रोह के आरोप साबित हो सकें। बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ अब पंचकुला की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि गौरतलब है कि पिछले साल 25 अगस्त के दिन डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकुला में हिंसा भड़की थी जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई थी। इन दंगों की जांच करने के लिए पुलिस ने आठ से ज्यादा एसआईटी टीम बनाकर कोर्ट में चालान पेश किया था। हिंसा के दौरान गुरमीत राम रहीम के समर्थकों ने करीब 400 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।