आतंकी अब्दुल सुब्हान कुरैशी 2008 में गुजरात और दिल्ली में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में संदिग्ध और वांछित था। उसे गणतंत्र दिवस से ठीक पहले पकड़ा गया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने उसकी पांच दिन की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है।
Delhi's Patiala House Court extended police remand of Abdul Subhan Qureshi, founder of Indian Mujahideen, by 5 days. He was arrested last month for involvement in the serial blasts in Gujarat and Delhi in 2008.
— ANI (@ANI) February 23, 2018
अब्दुल सुब्हान कुरैशी आतंक की ऐसी खतरनाक डगर पर चल पड़ेगा, ऐसा उसके परिचितों और परिवार ने सपने में भी नहीं सोचा था। कंप्यूटर इंजीनियर से कथित आतंकी बने कुरैशी का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में रामपुर नामक एक छोटी सी जगह में हुआ था। वह बचपन में ही अपने मां-बाप के साथ मुंबई चला गया था। मुंबई में ही कुरैशी ने पढ़ाई की और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा हासिल किया। पढ़ाई खत्म करने के बाद कुरैशी ने कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियों में नौकरी की, लेकिन मार्च 2011 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। . अपने इस्तीफे में कुरैशी ने लिखा था, 'मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने पूरे एक साल तक धार्मिक और आध्यात्मिक रीतियों का पालन करने का फैसला किया हैॉ।' उसका यह फैसला ही उसके भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी बनने की यात्रा की शुरुआत थी।
अब्दुल सुब्हान कुरैशी ने आतंकी रियाज भटकल के साथ मिलकर आतंकी संगठन 'इंडियन मुजाहिदीन' की स्थापना की थी। इसके अलावा प्रतिबंधित संगठन 'स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) और 'इंडियन मुजाहिदीन' के लिए फंड जुटाने में भी कुरैशी की अहम प्रमुख भूमिका रही है. वह 'सिमी' और 'इंडियन मुजाहिदीन' को फिर से एक्टिव करने दिल्ली आया था। सीरियल ब्लास्ट में सक्रिय भूमिका निभाने के चलते ही कुरैशी को 'भारत का ओसामा बिन लादेन' कहा जाने लगा। उसके सिर पर 4 लाख रुपये का इनाम था।