आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 2जी, चिटफंड और कोयला घोटालों जैसे वित्तीय अपराध के कई मामलों की छानबीन कर रही एजेंसी तेज और समयबद्ध जांच के लिए एेसी शाखा बनाए जाने की मांग कर रही थी। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के नोडल विभाग के तौर पर काम करने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सीटीवी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि कुल 99.19 करोड़ रूपए भी इसके लिए मंजूर किए गए हैं। तकनीकी एवं फाॅरेंसिक समर्थन इकाइयों के गठन के लिए चलाई जा रही एक योजना के तहत इस धनराशि को मंजूरी दी गई है। सबसे पहले सीबीआई के निदेशक अनिल सिन्हा ने सीटीवी के गठन की वकालत की थी।
सिन्हा ने कहा था कि 2जी, कोयला घोटाला, पोंजी योजनाओं, पूंजी बाजार घोटालों जैसे वित्तीय अपराधों की छानबीन में सीबीआई के सामने कई तरह की चुनौतियां आती हैं जिसमें धन के लेन-देन के तार का पता लगाना, रकम बरामद करना वगैरह शामिल है।
वित्तीय अपराधों की जांच के लिए सीबीआई में सीटीवी के गठन को मंजूरी
वित्तीय अपराधों की छानबीन के लिए सीबीआई की क्षमता बढ़ाने के मकसद से केंद्र सरकार ने एक सेंट्रलाइज्ड टेक्नोलाॅजी वर्टिकल (सीटीवी) के गठन को मंजूरी दी है। इस नई शाखा के गठन से इस जांच एजेंसी को पेशेवर विशेषज्ञता के लिए डेटा भंडारों तक तुरंत पहुंच मुहैया कराई जा सकेगी और फाॅरेंसिक साक्ष्यों को इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। सीटीवी के गठन पर 100 करोड़ रूपए की लागत आएगी।
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