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दलाई लामा के करीबी सलाहकार, स्टाफ भी थे इजरायली पेगासस स्पाईवेयर के संभावित टारगेट

आध्‍यात्मिक गुरु दलाई लामा के करीबी सलाहकार व संबंधित स्टाफ के सदस्य भी इजरायली स्पाईवेयर 'पेगासस' के...
दलाई लामा के करीबी सलाहकार, स्टाफ भी थे इजरायली पेगासस स्पाईवेयर के संभावित टारगेट

आध्‍यात्मिक गुरु दलाई लामा के करीबी सलाहकार व संबंधित स्टाफ के सदस्य भी इजरायली स्पाईवेयर 'पेगासस' के संभावित टारगेट थे। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अन्‍य बौद्ध धर्मगुरुओं, तिब्‍बती अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के फोन नंबर भी लीक हुए डेटाबेस में पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि वर्ष 2017 से 2019 की शुरुआत तक उन्‍हें निगरानी के लिए चिन्हित किया गया था.हालांकि रिपोर्ट यह भी कहती है कि इनके फोन नंबर शामिल होने का मतलब यह नहीं हैं कि ये पेगासस के 'टारगेट' थे क्‍योंकि यह केवल डिवाइस के फोरेंसिक विश्‍लेषण से ही स्‍पष्‍ट हो सकेगा।

फ्रांस की मीडिया नॉन-प्रॉफिट फॉरबिडेन स्टोरीज़ और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एक्सेस किए गए इन फोन नंबरों के छोटे हिस्से का पेगासस प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे द वायर और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के द्वारा फॉरेंसिक परीक्षण करवाया गया था, जिसमें 37 फोन में इस घातक स्पायवेयर के निशान मिले हैं।

पेगासस प्रोजेक्ट को भेजे गए एक विस्तृत जवाब में एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि ‘यह डेटाबेस पेगासस के टारगेट या संभावित निशानों की सूची नहीं है। कंपनी का यह भी कहना है कि इसका ‘एनएसओ ग्रुप से कोई लेना-देना भी नहीं है.’ रिकॉर्ड्स में कंपनी के किसी ग्राहक का नाम नहीं है लेकिन एनएसओ ग्रुप ये कहता रहा है कि ‘वह अपने स्पायवेयर को केवल ‘प्रमाणित सरकारों’ को बेचता है, जहां उसके स्पायवेयर का उपयोग केवल आतंक और अपराध के खिलाफ किया जाता है।

वहीं भारत सरकार ने पेगासस के इस्तेमाल को लेकर न तो स्वीकार किया है और न ही इससे इनकार किया है. हालांकि टोरंटो विश्वविद्यालय के सिटिजन लैब ने अपनी जांच में बताया था कि भारत में एनएसओ के कम से कम दो क्लाइंट हैं। द वायर न्‍यूज वेबसाइट उन 17 मीडिया ऑर्गेनाइजेशंस में से है जिन्‍होंने एक जांच प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी करने के लिये इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का कथित तौर पर उपयोग किया गया था।

इस बीच, भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए गुरुवार  को कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।

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